जीवन बहता पानी रे प्राणी लिरिक्स
जीवन बहता पानी रे प्राणी,
काहे करे तूं गुमान रे,
करे तू गुमान रे अरे इंसान रे,
दो दिन की जिंदगानी रे प्राणी,
काहे करे तूं गुमान रे,
जीवन बहता पानी रे प्राणी,
काहे करे तूं गुमान रे।
धन और दौलत बड़ा ही कमाया,
इस माया ने हरि को भुलाया,
माया तो आनी है जानी रे प्राणी,
काहे करे तूं गुमान रे,
जीवन बहता पानी रे प्राणी,
काहे करे तूं गुमान रे।
काया पे काहे मान करे है,
इस पे तूं क्यों अभिमान करे है,
रहता ना रूप जवानी रे प्राणी,
काहे करे तू गुमान रे,
जीवन बहता पानी रे प्राणी,
काहे करे तूं गुमान रे।
मोह माया से प्रीत हटा ले,
हरि नाम से प्रीत लगा ले,
छोड़ दे यह मनमानी रे प्राणी,
काहे करे तू गुमान रे,
जीवन बहता पानी रे प्राणी,
काहे करे तूं गुमान रे।
Jeevan Bahta Pani | जीवन बहता पानी | Pramod Kumar | Super Hit सत्संगी भजन