म्हारी दादी जगत सेठाणी म्हारो मौज करे परिवार

म्हारी दादी जगत सेठाणी म्हारो मौज करे परिवार

(मुखड़ा)
म्हारी दादी जगत सेठाणी,
म्हारो मौज करे परिवार,
म्हारी दादी जी।
मांग लेवा दादी से जद भी,
पड़े कोई दरकार,
म्हारी दादी जी।

(अंतरा 1)
पूत कपूत जेसा भी होवे,
आखिर दादी को टाबर होवे,
किस्मत में लिखवा के ल्यायो,
मांगण को अधिकार,
म्हारी दादी जी।

(अंतरा 2)
क्यों ना म्हे इतरा जावां,
म्हारी दादी जगत सेठाणी है,
जिके द्वार पे मांगण ताईं,
आवे सगळो संसार,
म्हारी दादी जी।

(अंतरा 3)
जद से पडोसी जाण गयो,
म्हारो जोर चले है दादी पे,
रोज कवे म्हाने भी मिला दे,
दादी सूं इक बार,
म्हारी दादी जी।

(अंतरा 4)
सोनू कवे या दादी ना तो,
तेरी है ना मेरी है,
जग जननी है या तो सारी,
जग की पालनहार,
म्हारी दादी जी।

(पुनरावृत्ति – मुखड़ा)
म्हारी दादी जगत सेठाणी,
म्हारो मौज करे परिवार,
म्हारी दादी जी।
मांग लेवा दादी से जद भी,
पड़े कोई दरकार,
म्हारी दादी जी।
 

म्हारी दादी जगत सेठाणी || Rajasthani Rani Sati Dhamaal Bhajan || Saurabh Madhukar

Rani Sati Dadi Bhajan : Mhari Dadi Jagat Sethani Mharo Mauj Kare Pariwaar..
Singer : Saurabh-Madhukar (Kolkata)
Lyricist : Sunil Gupta (SONU)
Music Label : Sur Saurabh Industries.

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