काल करै सो आज कर मीनिंग Kaal Kare So Aaj Kar Meaning : Kabir Ke Dohe
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलय होयगी, बहुरि करेगा कब।।
पल में परलय होयगी, बहुरि करेगा कब।।
Kaal Kare So Aaj kar, Aaj Kare So Aub,
Pal Me Parlay Hogi, Bahuri Karega Kub.
व्याख्या : इस दोहे में कबीर साहेब समय के महत्त्व और कर्म करने पर बल देते हुए कहते हैं की जो कल करना है वह तुम आज कर लो और जो आज करना है वह अभी करो। पल/अल्प समय में प्रलय/विनाश हो जाएगा, तुम फिर कब करोगे ? आशय है की कर्म के महत्त्व को तुम्हे समझना होगा। भक्ति करने का पूर्ण समय अभी है, भक्ति करने में देर मत लगाओ एक रोज काल तुमको अपना ग्रास बना ही लेगा।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |