कहा चुनावै मेंड़िया चूना माटी लाय हिंदी मीनिंग Kaha Chunave Mediya Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth / Bhavarth Sahit
कहा चुनावै मेंड़िया, चूना माटी लाय |मीच सुनेगी पापिनी, दौरी के लेगी आप ||
Kaha Chunave Mediya, Chuna Mati Lay,
Meech Sunegi Papini, Dourai Ke Legi Aap.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
शब्दार्थ :
- कहा : किस प्रयोजन से।
- चुनावै : चुनवाता है, बनाता है।
- चूना माटी लाय : चुना पत्थर से घर बनाना।
- मीच : मृत्यु
- सुनेगी पापिनी : मृत्यु सुन लेगी।
- दौरी के : दौड़ के।
- लेगी आप : जीव को अपना शिकार बना लेगी।
- मेड़िया - संज्ञा स्त्री ० [ सं ० मंडप , हिं ० मढ़ी ] मढ़ी | मंडप । छोटा घर ।
इस दोहे में कबीर साहेब संकेत कर रहे हैं की मृत्यु एक शास्वत सत्य है एक रोज वह आनी है। तुम किस भरम के शिकार हो रहे हो ? एक रोज मृत्यु आनी है। तुम किस प्रयोजन से बड़े बड़े घर और महल बना रहे हो, एक रोज मृत्यु तुमको आकर दबोध लेगी। पापिनी मृत्यु एक रोज सब सुन लेगी। अतः जीवात्मा को चाहिए की वह व्यर्थ के अधिकाधिक सांसारिक/भौतिक सुखों की लालसा को समाप्त कर दे और संग्रह की प्रवृति का त्याग करके हरी के नाम का सुमिरन करे। कबीर साहेब की वाणी है की माटी, चुना आदि ले बड़े बड़े मंदिर, महल और आवास बनाते हो, एक रोज पापिनी मृत्यु तुमको आ दबोचेगी और सब कुछ यहीं पर ही धरा का धरा रह जाएगा इसलिए इश्वर भक्ति ही जीवन का मूल उद्देश्य है.
कबीर गर्ब न कीजिये, इस जीवन की आस |
टेसू फूला दिवस दस, खंखर भया पलास ||
टेसू फूला दिवस दस, खंखर भया पलास ||
अर्थ : कबीर दास जी कहते हैं की तुम किस बात का गर्व कर रहे हो, सब कुछ व्यर्थ है, अतः गर्व को छोड़ दो। इस जीवन से तुम क्या आशा लगाए बैठे हो ? यह जीवन क्षणिक है। जैसे टेसू का फूल अल्प समय के लिए खिलता है और थोड़े ही समय के बाद पलास का फूल खंखर/जीर्ण शीर्ण हो जाता है। अतः मोह माया को छोड़ कर हरी के नाम का सुमिरन करो।