म्हारा भैंरूजी डमरूधारी बैठा नाकोड़ा रे माही भजन
म्हारा भैंरूजी डमरूधारी,
बैठा नाकोड़ा रे माही,
म्हारा भैंरू डमरूधारी,
बैठा मेवानगर रे माही,
थारे देवरा में आया थारा जातरी।
घणी दूर सु अर्जी लेने,
भक्त आपरा आया,
देख मूरतिया खम्मा भैंरूजी,
मन ही मन हर्षाया,
थोरो पर्चो जग में भारी,
मैं तो जाऊं वारि वारि,
थारे नाम सु तीर जावे,
थारा जातरी,
म्हारा भैंरूजी।
एक नज़र थारी हो जावे,
दुविधा हो सब दूर,
थारे चरण तो चाकरीयो,
हाजिर खड्यो हुजूर।
पूनम वाली रात भैंरूजी,
रूम झूम करता आवो,
श्वान सवारी त्रिशूल धारी,
म्हाने दर्श दिखाओ,
डम डम डमरू जोर बजाओ,
गम गम घुंघरिया घमकावो,
ज्योता चौदस री जगावा,
थारे नाम री,
म्हारा भैंरूजी।
पार्श्वप्रभु रा पायक थे तो,
कलज़ुग रा अवतारी,
चार खुट और चौदह भवन में,
थोरी माहिमा भारी,
आयी चौदस पूनम खास,
म्हारें मन में घनी है आस,
मैं तो भजन करावा,
थारे नाम रा,
म्हारा भैंरूजी।
म्हारा भेरू डमरूधारी ॥ Vaibhav Soni ॥ Mhara Bheru DamruDhari ॥ Nakoda Bheru Ji Latest Bhajan 2023