मुझको भर दो प्रभु अगापे प्रेम से
अगापे प्रेम
मुझको भरदो प्रभु अगापे प्रेम से |….2.
अगापे…3. प्रेम से भरदो प्रभु,
मुझको भरदो प्रभु, अगापे प्रेम से ।
चाहे मै कितनी भाषाये बोलू,
स्वर्ग की हो या पृथ्वी की
मुझमे प्रेम नही है तो मै,
झनझनाती झांझ हू मे
सारी बातो में धीरज है रखता,
और सब कुछ सहता है
बैरी को माफ करता है,
ये कलवरी का प्रेम है ।
कैसा है ये प्रेम जिसकी,
कभी भी हार ना हुई,
ये है अगापे प्रभू का प्रेम,
हमेशा विजय पाता है।
Mujhko bhar do prabhu agape prem se | मुझको भर दो प्रभु अगापे प्रेम से | Christian Hindi Song
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