ना राग रहे ना द्वेष रहे लिरिक्स Na Raag Rahe Na Dvesh Lyrics
ना राग रहे ना द्वेष रहे,
ना शिकवे हो ना शिकायत हो,
मन गंगा सा पावन हो,
खुशियों का खिलता सावन हो।
कषायों की मंदता हो,
मैत्री का बहता झरना हो,
स्नेह सलिल बरसता हो,
जीवन चंदन सा महकता हो।
क्षमा वीरों का आभूषण,
ना कायर का कोई भूषण,
कर दो और दे दो क्षमा तुम।
जब तक हैं रगड़े और झगड़े,
पावन पथ पर नहीं चलते है,
पूण्य का खोते अवसर है,
मर मर के जीव जीते है।
क्षमा जब तक करते नहीं हम,
वैर भाव रहता हरदम,
जीवन में रहती कटुता है,
और चित्त कहीं नहीं लगता है।
क्षमा वीरों का आभूषण,
ना कायर का कोई भूषण,
कर दो और दे दो क्षमा तुम।
एक दूजे को माफ करो,
मन में ना सन्ताप रखो,
सच्चे मन से मिच्छामि,
दुक्कड़म का तुम तो आव्हान करो।
वैभव संगी विनंती करे,
क्षमा का नव गान करें,
जाने अनजाने हुई हो भूल,
तो माफी का संज्ञान करें।
क्षमा वीरों का आभूषण,
ना कायर का कोई भूषण,
कर दो और दे दो क्षमा तुम।
क्षमा वीरो का आभूषण !! “Michhami Dukkadam 2021!! उत्तम क्षमा !! Vaibhav Soni
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