धरती पे बैकुण्ठ जहां पावन झुंझुनू धाम
धरती पे बैकुण्ठ जहां पावन झुंझुनू धाम,
पंचदेव मंदिर में विराजे बाबा गंगा धाम,
धरती पे बैकुण्ठ जहां पावन झुंझुनू धाम।
जैसे श्रीराम के सेवक बलि है केसरीनंदन,
गंगा राम के सेवक यहां है देवकीनंदन,
भक्त शिरोमणि की भक्ति को लाखों लाख प्रणाम,
पंचदेव मंदिर में विराजे बाबा गंगा धाम।
ये गंगा राम का मंदिर है सीधा मोक्ष का द्वारा,
लगा है पंचदेव दरबार भक्ति की बहे धारा,
शिव दुर्गा लक्ष्मी सहित वीर बलि हनुमान,
पंच देव मंदिर में विराजे बाबा गंगा धाम,
धरती पे बैकुण्ठ जहां पावन झुंझुनू धाम।
जय हो नारायण अवतारी तेरी महिमा बड़ी भारी,
तेरी चरणों की धूलि से कटती विपदाएं सारी,
सौरव मधुकर गुण तेरे गाये सुबहो शाम,
पंचदेव मंदिर में विराजे बाबा गंगा धाम,
धरती पे बैकुण्ठ जहां पावन झुंझुनू धाम।
धरती पे बैकुण्ठ जहाँ पावन झुंझुनू धाम || Baba Gangaram Ji Bhajan By Saurabh-Madhukar
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