द्वार तेरे मां तज संसार मैं आया
द्वार तेरे मां तज संसार मैं आया,
मेरे मन उपवन को मैया,
तूने ही महकाया,
मां तूने ही महकाया।
कितने करे प्रयास मां अम्बे,
मैंने इस भव सागर में,
मां मैंने इस भव सागर में,
तेरी कृपा का एक सितारा,
जैसे चमका अम्बर में,
मां जैसे चमका अम्बर में,
मेरी नाव को तूफानों से,
तूने पार लगाया,
मां तूने पार लगाया।
जगह जगह में राह भटकता,
दर दर ठोकर खाता,
माँ दर दर ठोकर खाता,
तेरे भवन का मिला जो रस्ता,
कैसे ना अपनाता,
मां कैसे ना अपनाता,
तेरे ही चरणों में मैंने,
सुख शान्ति को पाया,
मां सुख शांति को पाया।
कितना ताप मैं जन्मों से,
मां सहता ही हूं आया,
मां सहता ही हूं आया,
तेरी प्रेम कृपा को पाकर,
चन्दन सी हुई काया,
मां चन्दन सी हुई काया,
तेरी ही ममता की छांव में,
मैंने अमृत पाया,
मां मैंने अमृत पाया।
Dwar Tere Maa | द्वार तेरे माँ तज संसार मैं आया | मातारानी लेटेस्ट भक्तमय भजन | Vikas Jain
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