मेरे गुरू मुरारी लाल जन्म लो फेर समचाणे में

मेरे गुरू मुरारी लाल जन्म लो फेर समचाणे में

हो मेरे गुरु मुरारी लाल,
जन्म लो फेर समचाणे में।।

जिस घर में तेरा घळ पालणा,
ठुमक-ठुमक देखूं चालणा,
तेरी मन मोह ले शान,
किसे के घर प आणे तं—

हो मेरे गुरु मुरारी लाल,
जन्म लो फेर समचाणे में।।

उस माँ का हो भाग सवाया,
जिस जननी का हो तू जाया,
जन्म-दिन मनै तेरा हर साल,
आवंगे केक कटाणे ने—

हो मेरे गुरु मुरारी लाल,
जन्म लो फेर समचाणे में।।

फेर हट क दरबार लगाईए,
भक्तां ने और के चाहिए,
तज के मोह-माया का जाल,
आवो जोत जगाणे ने—

हो मेरे गुरु मुरारी लाल,
जन्म लो फेर समचाणे में।।

गुरु रामसिंह का सै चैला,
कप्तान शर्मा का मिटा झमेला,
वो त रहवे गाम संभाल,
जिला रोहतक हरियाणे में—

हो मेरे गुरु मुरारी लाल,
जन्म लो फेर समचाणे में।।



O Mere Guru Murari lal Janam Lo Fir Samchane

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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