कोई पीवे राम रस प्याला
कोई पीवे राम रस प्याला,
कोई पीवे हरि रस प्याला,
जिस अंगना में यह रस बरसे,
वहां आते हैं मदन गोपाल।
इस प्याले को मीरा पी गई,
वह विष अमृत कर डाला,
कोई पीवे हरि रस प्याला।
ध्रुव पी गए प्रहलाद भी पी गए,
जंगल में मंगल कर डाला,
कोई पीवे हरि रस प्याला।
यह प्याले को शबरी पी गई,
उसे हरि दर्शन दे डाला,
कोई पीवे हरी रस प्याला।
गज ग्रह लड़े जल भीतर,
दोनों का फंद छुड़ा डाला,
कोई पीवे हरि रस प्याला।
यह प्याले को नरसी पी गए,
पटले पर दर्श दे डाला,
कोई पीवे हरि रस प्याला।
ऋषि मुनि सब संत भी पी गए,
तन मन निर्मल कर डाला,
कोई पीवे हरि रस प्याला।
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में | Bhagwat Suthar | Shri Ram Jaanki Baithe Hein Mere Seene Mein
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