कृष्ण खड़े मधुबन में सोच रहे मन में
कृष्ण खड़े मधुबन में सोच रहे मन में
कृष्ण खड़े मधुबन में सोच रहे मन में,
छोड़ो ना राधे प्यारी एकादशी।
कहो तो राधे तुम्हें टिका बनवा दूं,
टिका बनवा दूं तुम्हें झूमर बनवा दूं,
छोड़ो ना राधे प्यारी एकादशी।
हरो हरो गोबर मंगाऊ,
मैं अंगना लिपाऊं,
मैं चौक पूराऊं पंडित बुलाऊं,
मैं हवन कराऊं,
मैं बामण जिमाऊं मैं विदा कराऊं
जब ही छोडूंगी प्यारे एकादशी।
कहो तो राधे तुम्हें लहंगा मंगवा दूं,
लहंगा मंगवा दूं तुम्हें चुनरी मंगवा दूं,
छोड़ो ना राधे प्यारी एकादशी।
हरो हरो गोबर मंगाऊ मैं अंगना लिपाऊं,
मैं चौक पूराऊ मैं पंडित बुलाऊं,
मैं हवन कराऊं मैं बामन जिमाऊं,
जब ही छोडूंगी प्यारे एकादशी।
कहो तो राधे तुम्हें महल बनवा दूं,
महल बनवा दूं तुम्हें कोठी बनवा दूं,
छोड़ो ना राधे प्यारी एकादशी।
हरो हरो गोबर मंगाऊ मैं अंगना लिपाऊं,
मैं चौक पुराए मैं पंडित बुलाऊं,
मैं हवन कराऊं मैं बामन जमाऊं,
जब ही छोडूंगी प्यारे एकादशी।
छोड़ो ना राधे प्यारी एकादशी।
कहो तो राधे तुम्हें टिका बनवा दूं,
टिका बनवा दूं तुम्हें झूमर बनवा दूं,
छोड़ो ना राधे प्यारी एकादशी।
हरो हरो गोबर मंगाऊ,
मैं अंगना लिपाऊं,
मैं चौक पूराऊं पंडित बुलाऊं,
मैं हवन कराऊं,
मैं बामण जिमाऊं मैं विदा कराऊं
जब ही छोडूंगी प्यारे एकादशी।
कहो तो राधे तुम्हें लहंगा मंगवा दूं,
लहंगा मंगवा दूं तुम्हें चुनरी मंगवा दूं,
छोड़ो ना राधे प्यारी एकादशी।
हरो हरो गोबर मंगाऊ मैं अंगना लिपाऊं,
मैं चौक पूराऊ मैं पंडित बुलाऊं,
मैं हवन कराऊं मैं बामन जिमाऊं,
जब ही छोडूंगी प्यारे एकादशी।
कहो तो राधे तुम्हें महल बनवा दूं,
महल बनवा दूं तुम्हें कोठी बनवा दूं,
छोड़ो ना राधे प्यारी एकादशी।
हरो हरो गोबर मंगाऊ मैं अंगना लिपाऊं,
मैं चौक पुराए मैं पंडित बुलाऊं,
मैं हवन कराऊं मैं बामन जमाऊं,
जब ही छोडूंगी प्यारे एकादशी।
एकादशी स्पेशल।।KANHA KHADE MADHUBAN ME KARO NA RADHE PYARI EKADASHI कान्हा खड़े मधुबन में करो न राधे
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