तुमने संवारे बिगड़े काम जो भी आया वैष्णो धाम

तुमने संवारे बिगड़े काम जो भी आया वैष्णो धाम

 
तुमने संवारे बिगड़े काम जो भी आया वैष्णो धाम

तुमने सँवारे बिगड़े काम,
जो भी आया वैष्णो धाम,
आकर मन को मिलता आराम,
जो भी आया वैष्णो धाम।।

तेरे दरबार में माँ,
अजब सी शक्ति देखि,
गूँगे भी बोलते देखे,
गोद भी भरती देखि,
ऊँचा तेरा भवन है मैया,
ऊँची तेरी शान,
माँ ऊँची तेरी शान,
तू ही तू बस सुबहो-शाम,
जो भी आया वैष्णो धाम,
जो भी आया वैष्णो धाम।।

हम भी आए हैं मैया,
द्वार पे आज तुम्हारे,
बड़ी उम्मीद लगाकर,
ये तेरा लाल पुकारे,
दुनिया मारे ताने मैया,
अब तो दे दो ध्यान,
माँ अब तो दे दो ध्यान,
उसके बचाए तूने प्राण,
जो भी आया वैष्णो धाम,
जो भी आया वैष्णो धाम।।

नहीं कोई यूँ ही आता,
पहाड़ों पे चढ़-चढ़ के,
कोई तो बात होगी,
वैष्णो माँ के दर पे,
ब्रह्मा विष्णु शंकर गणपत,
बालाजी हनुमान,
मेरे बालाजी हनुमान,
इनसे भी ऊपर माँ का नाम,
जो भी आया वैष्णो धाम,
जो भी आया वैष्णो धाम।।

तुमने सँवारे बिगड़े काम,
जो भी आया वैष्णो धाम,
आकर मन को मिलता आराम,
जो भी आया वैष्णो धाम।।



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वैष्णो देवी की महिमा वास्तव में अपरंपार है, क्योंकि यह पावन धाम माँ दुर्गा के उन तीन दिव्य रूपों का प्रतीक है, जो महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के रूप में भक्तों को दर्शन देती हैं। त्रिकुटा पर्वत की कठिन चढ़ाई भी भक्तों के लिए माँ की असीम कृपा का अनुभव बन जाती है, क्योंकि यह यात्रा ही उनके विश्वास और श्रद्धा को और भी मजबूत करती है। यहाँ पहुँचकर, भक्त पूरी निष्ठा और प्रेम के साथ माँ की पूजा-अर्चना करते हैं, जयकारे लगाते हुए अपनी मनोकामनाएँ कहते हैं और उन्हें भेंट समर्पित करते हैं। यह माना जाता है कि माँ की कृपा से ही हर भक्त को उनकी यात्रा सफल लगती है और उनके दर्शन मात्र से ही जीवन के सभी दुःख और कष्ट दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि उनकी महिमा, पूजा और कृपा का यह अद्भुत संगम लाखों भक्तों को बार-बार इस पवित्र धाम की ओर खींच लाता है।
 
"वैष्णो धाम" अर्थात् माँ वैष्णो देवी का पवित्र तीर्थ स्थल, जो जम्मू-कश्मीर में त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। यहाँ यह विश्वास व्यक्त किया गया है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माँ के दरबार में पहुँचता है, उसके बिगड़े हुए कार्य सँवर जाते हैं। यहाँ "बिगड़े काम" का अर्थ है जीवन की समस्याएँ, दुख, संकट या असफलताएँ, जिन्हें माँ की कृपा से ठीक किया जाता है। "आकर मन को मिलता आराम" यह दर्शाता है कि माँ के दर्शन से न केवल भौतिक समस्याएँ हल होती हैं, बल्कि मन को आध्यात्मिक शांति और सुकून भी प्राप्त होता है। 
 
Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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