मैं क्या जानू मेरे रघुराई भजन
मैं क्या जानू मेरे रघुराई
मैं क्या जानू मेरे रघुराई,
तू जाने मेरी किस में भलाई,
सहारा तेरा रे ओ साई।
सारे द्वारे छोड़ भगवन,
आज मैं तेरे द्वारे आया,
बाह पकड़ लो अब तो ठाकुर,
तेरे दर पर शीश झुकाया,
इस दुनिया की भीड़ भाड़ में,
तेरा ही आधार,
सहारा तेरा रे ओ साई।
तू हो पारस जिस को छूकर,
लोहा भी सोना हो जाए,
तेरी शरण में जो भी आवे,
वो पापी पावन हो जावे,
बीच भवर में नैया मेरी,
अब तो लगा दो पार,
सहारा तेरा रे ओ साई।
सारे जगत को देने वाले,
मैं क्या तुझ को भेंट चढ़ाऊँ,
जिसके स्वांस से आए खुशबू,
मैं क्या उनको फूल चढ़ाऊँ,
अपरम्पार यही महिमा तेरी,
कोई ना जाने पार,
सहारा तेरा रे ओ साई।
तू जाने मेरी किस में भलाई,
सहारा तेरा रे ओ साई।
सारे द्वारे छोड़ भगवन,
आज मैं तेरे द्वारे आया,
बाह पकड़ लो अब तो ठाकुर,
तेरे दर पर शीश झुकाया,
इस दुनिया की भीड़ भाड़ में,
तेरा ही आधार,
सहारा तेरा रे ओ साई।
तू हो पारस जिस को छूकर,
लोहा भी सोना हो जाए,
तेरी शरण में जो भी आवे,
वो पापी पावन हो जावे,
बीच भवर में नैया मेरी,
अब तो लगा दो पार,
सहारा तेरा रे ओ साई।
सारे जगत को देने वाले,
मैं क्या तुझ को भेंट चढ़ाऊँ,
जिसके स्वांस से आए खुशबू,
मैं क्या उनको फूल चढ़ाऊँ,
अपरम्पार यही महिमा तेरी,
कोई ना जाने पार,
सहारा तेरा रे ओ साई।
bhajan-mai kya janu mere raghurae by swamidharmdevji(maharaj shri )
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