कतेक दुख सुनायब हे जननी

कतेक दुख सुनायब हे जननी

 
कतेक दुख सुनायब हे जननी

कतेक दुख सुनायब हे जननी,
कतेक दुख सुनायब।।

तंत्र मंत्र एको नहि जानल,
की कहि अहाँ के सुनायब हे जननी,
की कहि अहाँ के सुनायब।।

मूर्ख एक पुत्र अहाँ के भुतियायल,
रखबनि संग लगाय हे जननी,
कतेक दुख सुनायब।।

सूरदास अधम जग मूरख,
तारा नाम तोहार हे जननी,
दुर्गा नाम तोहार,
कतेक दुख सुनायब।।

कतेक दुख सुनायब हे जननी,
कतेक दुख सुनायब।।



कतेक दुख आहां के सुनैब हे जननी, भगवती गीत A devotional maithili song | sangeeta jha, Ragini mishra

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Artist/ कलाकार - sangeeta jha, Ragini mishra
Lyricist/गीतकार- Traditional Song/ पारंपरिक गीत
Genre/ शैली -
 
कतेक दुख आंहा के सुनैब 
हे जननी कतेक दुख आहां के सुनैब
तंत्र मंत्र हम एको नही जानी कि 
कही आहां के मनैबहे जननी 
कतेक दुख आहां के सुनैब
मुर्ख एक पुत्र आहां के भुतिआयल 
रखबै संग लगाय हे जननी
कतेक दुख आहां के सुनैब.. 2
सुरहींदास अधम जग मुरख 
तारा नाम तोहार 
हे जननी दुर्गा नाम तोहार कते दुख 
आहां के सुनैब हे जननी...... 2 
 
Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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