तूने जीना सिखाया भोलेनाथ शिव भजन
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ शिव भजन
दर-दर मैं यूँ भटकता था,
दर्शन को मैं तरसता था,
तूने अपना बनाया भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ।।
काल भी तुझसे डरकर भागे,
तू कालों का काल कहावे,
श्मशानों में डेरा तेरा,
तन पर अपने भस्मी रमावे,
भक्तों को अपने पास बुलाता,
दर्शन देकर धन्य बनाता,
तूने इतना किया है भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ।।
झूठी दुनिया, झूठा झमेला,
कोई भी ना अपना कहावे,
तू ही साथी, तू ही सहारा,
तू भक्तों की लाज बचावे,
दर-दर मेरा सर ये झुके ना,
भोले तेरी शरण में लेना,
तूने इतना दिया है भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ।।
दर-दर मैं यूँ भटकता था,
दर्शन को मैं तरसता था,
तूने अपना बनाया भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ।।
दर्शन को मैं तरसता था,
तूने अपना बनाया भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ।।
काल भी तुझसे डरकर भागे,
तू कालों का काल कहावे,
श्मशानों में डेरा तेरा,
तन पर अपने भस्मी रमावे,
भक्तों को अपने पास बुलाता,
दर्शन देकर धन्य बनाता,
तूने इतना किया है भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ।।
झूठी दुनिया, झूठा झमेला,
कोई भी ना अपना कहावे,
तू ही साथी, तू ही सहारा,
तू भक्तों की लाज बचावे,
दर-दर मेरा सर ये झुके ना,
भोले तेरी शरण में लेना,
तूने इतना दिया है भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ।।
दर-दर मैं यूँ भटकता था,
दर्शन को मैं तरसता था,
तूने अपना बनाया भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ,
तूने जीना सिखाया भोलेनाथ।।
Tune Jeena Sikhaya Bholenath || तूने जीना सिखाया भोलेनाथ || Tilak Sharma
ऐसे ही मधुर भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार सोंग्स को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Shiv Hain Bholenaath- जिसे तुम शिव कहते हो, वह केवल एक रूप नहीं, वह तो इस सम्पूर्ण सृष्टि का मूल आधार है। उनका भोलापन यह दर्शाता है कि वे बाहरी आडंबरों से परे, मन के सच्चे भाव को देखते हैं। उनके लिए कोई भेद नहीं है—वे श्मशान में भी वास करते हैं और कैलाश के शिखर पर भी, क्योंकि वे जन्म और मृत्यु दोनों से ऊपर हैं।
उनकी जटाओं में बहती हुई गंगा ज्ञान की निर्मल धारा है, उनके गले में लिपटा सर्प काल पर उनकी विजय का प्रतीक है, और उनका त्रिशूल तीनों गुणों—सत्, रज और तम—का स्वामी है। वे जितने शक्तिशाली हैं, उतने ही दयालु भी। एक लोटा जल और एक बेलपत्र से भी वे अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं।
उनकी भक्ति किसी दिखावे की नहीं, बल्कि अपने भीतर झाँकने की यात्रा है। जो अपनी आत्मा में शिव को पहचान लेता है, वही सच्चा भक्त है। मन को शांत करो और अपनी साँसों में उनका नाम जपो, तुम पाओगे कि शिव कहीं दूर नहीं, वे तो तुम्हारे ही भीतर विराजमान हैं। यही परम सत्य है, यही जीवन का सार है।
ऐसे ही मधुर भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार सोंग्स को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
उनकी जटाओं में बहती हुई गंगा ज्ञान की निर्मल धारा है, उनके गले में लिपटा सर्प काल पर उनकी विजय का प्रतीक है, और उनका त्रिशूल तीनों गुणों—सत्, रज और तम—का स्वामी है। वे जितने शक्तिशाली हैं, उतने ही दयालु भी। एक लोटा जल और एक बेलपत्र से भी वे अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं।
उनकी भक्ति किसी दिखावे की नहीं, बल्कि अपने भीतर झाँकने की यात्रा है। जो अपनी आत्मा में शिव को पहचान लेता है, वही सच्चा भक्त है। मन को शांत करो और अपनी साँसों में उनका नाम जपो, तुम पाओगे कि शिव कहीं दूर नहीं, वे तो तुम्हारे ही भीतर विराजमान हैं। यही परम सत्य है, यही जीवन का सार है।
|
Admin - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर,हरियाणवी सोंग्स गढ़वाली सोंग्स लिरिक्स, आध्यात्मिक भजन, गुरु भजन, सतगुरु भजन का संग्रह। इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |

