नैया मेरी कागज़ की कैसे उतरे पार भला
नैया मेरी कागज़ की,
कैसे उतरे पार भला,
बन के खिवैया सांवरे,
नैया मेरी पार लगा।
मेरी नाव है टूटी फूटी,
मेरी किस्मत है मुझसे रूठी,
मुझको अपनों ने डुबोया है,
अब तू ही बेड़ा पार लगा।
मुझको भी बाबा अपना ले,
मेरी और परीक्षा अब ना ले,
मैं सेवक बनकर आया हूं,
मुझको भी अपनी शरण लगा।
सुनलो विनती आज मेरी,
तेरे हाथों में है लाज मेरी,
तेरा सेवक एक सुनील भी है,
कहता है एक अरदास लगा।
नैया मेरी कागज़ की,
कैसे उतरे पार भला,
बन के खिवैया सांवरे,
नैया मेरी पार लगा।
कागज़ की नईया मेरी | Kagaz Ki Naiya Meri | Khatu Shyam Heart Touching Bhajan | Sunil Sarvottam
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