ये तो अंगूठी मेरे प्राणों से भी प्यारी लिरिक्स
ये तो अंगूठी मेरे प्राणों से भी प्यारी,
इसे लाया है कौन,
मेरे रघुवर की सियावर की।
माताजी भी छोड़या,
मैं तो पिताजी भी छोड़या,
छोड़ी जनकपुरी मेरे बाबुल की।
ये तो अंगूठी मेरे प्राणों से भी प्यारी,
इसे लाया है कौन,
मेरे रघुवर की सियावर की।
भाई भी छोड़या,
मैं तो भौजाया भी छोड़ी,
छोड़ी संग की सहेलिया,
मेरे बचपन की।
ये तो अंगूठी मेरे प्राणों से भी प्यारी,
इसे लाया है कौन,
मेरे रघुवर की सियावर की।
सासु भी छोड़या,
मैं तो सुसरा सा भी छोड़या,
छोड़ी अवधपुरी,
मेरे रघुवर की सियावर की।
ये तो अंगूठी मेरे प्राणों से भी प्यारी,
इसे लाया है कौन,
मेरे रघुवर की सियावर की।
रामजी भी छोड़या,
मैं तो लक्ष्मणजी भी छोड़या,
छोड़ी पंचवटी मेरे कर्मों की।
ये तो अंगूठी मेरे प्राणों से भी प्यारी,
इसे लाया है कौन,
मेरे रघुवर की सियावर की।
तुलसीदास आशा रघुवर की,
इसे लाया हनुमान,
मेरे रघुवर की सियावर की।
ये तो अंगूठी मेरे प्राणों से भी प्यारी,
इसे लाया हनुमान,
मेरे रघुवर की सियावर की।
हनुमान जी की जय हो।
इतना सुंदर राम भजन | अंगूठी मेरे प्राणों से भी प्यारी | #bhajan #new #ram
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं