ओढ़ के चुनरिया लाल मैं नाचूं तेरे अंगना में
ओढ़ के चुनरिया लाल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में,
ओढ़ के चुनरिया लाल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में।
पांवों में अपने बांध के घुंघरू,
आठों पहर तेरे नाम को सुमरूं,
और बजाऊं खड़ताल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में,
ओढ़ के चुनरिया लाल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में।
लाल है चुनरी लाल है चोला,
रुप बड़ा मां का अनमोला,
शक्ति अजब कमाल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में,
ओढ के चुनरिया लाल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में।
बिन तेरे मोहे कुछ ना भावे,
व्याकुल मन मेरा चैन ना पाये,
कर दे पूरा सवाल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में,
ओढ़ के लाल चुनरिया लाल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में।
भवन में तेरे दीपक साजे,
पान सुपारी चढ़े तेरे आगे,
आऊँ द्वारे हर साल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में,
ओढ के चुनरिया लाल,
मैं नाचूं तेरे अंगना में।
मैया के कीर्तन में रौनक लगाने वाला धमाकेदार भजन
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