हालो दीवाना यहाँ क्यों बैठा भजन

हालो दीवाना यहाँ क्यों बैठा भजन

हालो रे दीवाना यहाँ क्यों बैठा,
आगे तो मौज मजा की है।
साँचा गुरुजी रा साँचा रे चेला,
झूठा ने माया खा गई है।।

सतगुरु दाता सेण बताई,
म्हारी सुरता सुन्दरी जागी है।
अणघड़ फेरा फिरवा ओ लागी,
वाने पिछम दिशा ले भागी है।।
हालो रे दीवाना यहाँ क्यों बैठा,
आगे तो मौज मजा की है।।

लेयर पिया ने सूती सेज में,
करवट लेकर जागी है।
ओहम सोहम दोई ढोल बजावे,
सूरज उगण ने लागी है।।
हालो रे दीवाना यहाँ क्यों बैठा,
आगे तो मौज मजा की है।।

अष्ट द्वादश जाकर देख्या,
अबे झिलमिल ज्योति जागी है।
त्रिवेणी री घाटी लांघता,
सोहन शिखर गढ़ आ गई है।।
हालो रे दीवाना यहाँ क्यों बैठा,
आगे तो मौज मजा की है।।

शंकर स्वामी सेण बताई,
असंख जुगा से आगी है।
रामो रे दुर्बल गुरुजी रे शरणे,
म्हारी सूती रे नगरी जागी है।।
हालो रे दीवाना यहाँ क्यों बैठा,
आगे तो मौज मजा की है।।



हालो दीवाना या कई रे बैठा आगे मौज मजा री है !! स्वर धनराज जोशी #scm_live

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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