तेरी माया का ना पाया कोई पार लिरिक्स Teri Maya Ka Na Paya Bhajan Lyrics

तेरी माया का ना पाया कोई पार लिरिक्स Teri Maya Ka Na Paya Bhajan Lyrics


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ज्योति पुंज एक गगन से,
चला धरा की ओर,
छाया था यहां पाप का,
अंधकार घणघोर,
ऋषि मुनि जप तप कर जिन्हे,
थके पुकार पुकार,
दुष्ट दमन को ले रहे,
वही विष्णु अवतार।

तेरी माया का न पाया कोई पार,
कि लीला तेरी तू ही जाने,
तू ही जाने ओ श्यामा तू ही जाने,
हो सारी दुनिया के सृजनहार,
कि लीला तेरी तू ही जाने,
तेरी माया का न पाया कोई पार,
कि लीला तेरी तू ही जाने।

बंदी गृह में जन्म लिया और,
पल भर वहां न ठहरा,
टूट गए सब ताले,
सो गए देते थे जो पहरा,
हो आया अंबर से संदेश,
मानो वासुदेव आदेश l

ओ बालक ले कर जाओ,
नन्द जी के द्वार,
कि लीला तेरी तू ही जाने,
तेरी माया का न पाया कोई पार,
कि लीला तेरी तू ही जाने।

बरखा प्रबल चंचला चपला,
कँस समान डराए,
ऐसे में शिशु को लेकर कोई,
बाहर कैसे जाए,
हो प्रभु का सेवक शेषनाग,
देखो जागे उसके भाग,
ओ उसने फण पे रोका,
बरखा का भार,
कि लीला तेरी तू ही जाने,
तेरी माया का न पाया कोई पार,
कि लीला तेरी तू ही जाने।

वासुदेव जी हिम्मत हारे,
देख चढ़ी यमुना को,
चरण चूमने की अभिलाषा,
की हिमगिरि ललना को,
हो तूने पग सुकुमार,
दिए पानी में उतार,
ओ छूह के रस्ता बन गई,
यमुना जी की धार,
कि लीला तेरी तू ही जाने,
तेरी माया का न पाया कोई पार,
कि लीला तेरी तू ही जाने।

नन्द के घर पहुंचे यशोदा को,
भाग्य से सोते पाया,
कन्या लेकर शिशु छोड़ा तो,
हाय रे मन भर आया,
हो कोई हंसे चाहे रोए,
तू जो चाहे वही होए,
ओ सारी बातों पे,
तुझे है अधिकार
कि लीला तेरी तू ही जाने,
तेरी माया का न,
पाया कोई पार।

लो आ गई राक्षसी पूतना,
माया जाल विछाने,
माँ से बालक छीन के ले गई,
विष भरा दूध पिलाने,
हो तेरी शक्ति का अनुमान,
कर न पाई वो नादान,
ओ जिसको मारा तूने,
उसको दिया तार,
कि लीला तेरी तू ही जाने,
तेरी माया का न,
पाया कोई पार।

किरणावत को लात पड़ी तो,
मटकी में जा अटका,
दैत्य को दूध दही से नहला कर,
चूल्हे में दे पटका,
हो फिर भी न माना बदमाश,
प्रभु को ले पहुँचा आकाश,
हे वहीं उसका किया रे संहार,
कि लीला तेरी तू ही जाने,
तेरी माया का न,
पाया कोई पार।

प्रभु भक्ति में लीन सन्यासी,
भेद समझ न पाया,
जब जब प्रभु का ध्यान किया ये,
बालक ही क्यों आया,
हो जागा साधु का विवेक,
शिशु में प्रभु को लिया देख,
ओ अपने हाथों से,
दिया रे आहार,
कि लीला तेरी तू ही जाने।

मथुरा में तू ही गोकुल में तू ही,
तू ही वृन्दावन में,
तू ही कुञ्ज गलियन को वासी,
तू ही गोवर्धन में,
हो तू ही ठुमके नन्द भवन में,
तू ही चमके नील गगन में,
ओ करता रास तू ही,
यमुना के पार,
कि लीला तेरी तू ही जाने।

भक्त हूँ मैं और तू है भगवन,
मैं नर तू नारायण,
क्या समझूँगा माया तेरी,
मैं नर हूँ साधारण,
हो भगवन मैं मूर्ख नादान,
तुमको तिहूँ लोक का ज्ञान,
ओ तूँ ही कण कण में,
समाया निराकार,
कि लीला तेरी तू ही जाने।


Teri Maya Ka | Devotional Song | Gopaal Krishna | Ravindra Jain Songs | Sachin, Zarina Wahab

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