सारे जगत की जननी तू ही है शेरावाली भजन
सारे जगत की जननी तू ही है शेरावाली भजन
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
है स्वर्ग और बैकुंठ,
चरणों में माँ तुम्हारे,
झुकते तुम्हारे आगे,
माँ, देवता भी सारे,
माँ भगवती ये सृष्टि,
माँ भगवती ये सृष्टि,
तूने ही है सँभाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
तेरे रूप हैं हजारों,
लाखों तेरी भुजाएँ,
नवदुर्गा रूप में तू,
नवरात्रों में माँ आए,
करुणामयी माँ तू ही,
करुणामयी माँ तू ही,
करुणा लुटाने वाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
हम हैं तुम्हारे बच्चे,
पग-पग तू सँभाले,
जीवन किया है हमने,
मैया तेरे हवाले,
‘सोनू’ हमारी बिगड़ी,
‘सोनू’ हमारी बिगड़ी,
तू ही बनाने वाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
तू ही है शेरावाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
है स्वर्ग और बैकुंठ,
चरणों में माँ तुम्हारे,
झुकते तुम्हारे आगे,
माँ, देवता भी सारे,
माँ भगवती ये सृष्टि,
माँ भगवती ये सृष्टि,
तूने ही है सँभाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
तेरे रूप हैं हजारों,
लाखों तेरी भुजाएँ,
नवदुर्गा रूप में तू,
नवरात्रों में माँ आए,
करुणामयी माँ तू ही,
करुणामयी माँ तू ही,
करुणा लुटाने वाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
हम हैं तुम्हारे बच्चे,
पग-पग तू सँभाले,
जीवन किया है हमने,
मैया तेरे हवाले,
‘सोनू’ हमारी बिगड़ी,
‘सोनू’ हमारी बिगड़ी,
तू ही बनाने वाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है माता दुर्गा,
तू ही है मैया काली,
सारे जगत की जननी,
तू ही है शेरावाली।।
तू ही है शेरवाली Tu Hi Hai Sherawali ~ Mata Rani Bhajan ~||
माता रानी केवल संसार की जननी नहीं, बल्कि पूरे त्रिलोक की आधारशिला हैं। शेरावाली के रूप में उनका तेज और साहस असुरों के विनाश का प्रतीक है, जबकि मैया काली का रूप अन्याय और अधर्म के अंत की गारंटी देता है। माँ के चरणों में स्वर्ग और बैकुंठ तक की महिमा समाई है—देवता भी उनके आगे मस्तक झुकाते हैं क्योंकि सृष्टि का संचालन उन्हीं के हाथों में है।
माता के रूप अनन्त हैं—लाखों भुजाओं में अनगिनत शक्तियाँ समाहित हैं। नवदुर्गा के रूप में नवरात्रों में उनका आगमन केवल पर्व ही नहीं, बल्कि शक्ति, भक्ति और करुणा का महासंगम है। वह करुणामयी हैं, जिनकी कृपा से दुखों का नाश और जीवन में प्रकाश होता है।
