शरण में आ पड़ा तेरी प्रभु मुझको भुलाना ना
शरण में आ पड़ा तेरी प्रभु मुझको भुलाना ना
शरण में आ पड़ा तेरी
प्रभु मुझको भुलाना ना।
तेरा है नाम दुनिया में
पतित पावन सभी जाने
देखकर दोष को मेरे
नजर मुझसे हटाना ना।
काल की है नदी भारी
बहा जाता हूं धारा में
पकड़ लो हाथ अब मेरा
नाथ देरी लगाना ना।
भगत तेरे हैं बहुतेरे
करे सुमिरन सदा मन में
जानकर दास दासनों का
मुझे उनसे छुड़ाना ना।
तेरा है रूप अविनाशी
जगत सारे में है पूरन
वो ब्रह्मानंद नैनन से
मेरे कबहुं छिपाना ना।
शरण में आ पड़ा तेरी
प्रभु मुझको भुलाना ना।
प्रभु मुझको भुलाना ना।
तेरा है नाम दुनिया में
पतित पावन सभी जाने
देखकर दोष को मेरे
नजर मुझसे हटाना ना।
काल की है नदी भारी
बहा जाता हूं धारा में
पकड़ लो हाथ अब मेरा
नाथ देरी लगाना ना।
भगत तेरे हैं बहुतेरे
करे सुमिरन सदा मन में
जानकर दास दासनों का
मुझे उनसे छुड़ाना ना।
तेरा है रूप अविनाशी
जगत सारे में है पूरन
वो ब्रह्मानंद नैनन से
मेरे कबहुं छिपाना ना।
शरण में आ पड़ा तेरी
प्रभु मुझको भुलाना ना।
Sudhanshu Ji Maharaj | Bhajan | Sharan Me Aa Pda Teri
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Author - Saroj Jangir
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