एक बार हमें बुला लो ना दादा जी दर

एक बार हमें बुला लो ना दादा जी दर

 
एक बार हमें बुला लो ना दादा जी दर

गुरु पूर्णिमा की रात आई,
खंडवा नगर में जश्न उठा,
धूनी वाले दादाजी का,
बड़ा प्यारा मेला लगा।।

निशान लेके हाथ में,
भक्त है ये चले,
सच्चा है ये दर तेरा,
प्यारा मुझे लगे,
चरणों की धूल दे दो ना,
अब है हम तेरे,
एक बार हमें बुला लो ना,
दादाजी दर तेरे।।

दर्शन को मेरी अखियां,
कब से तरस रही,
चरणों से लगा लो ना,
कब से तरस रही,
तुम हो बड़े दयालु,
तुम हो बड़े कृपालु,
अब है हम तेरे,
एक बार हमें बुला लो ना,
दादाजी दर तेरे।।

गुरु पूर्णिमा में लाखों भक्त,
दर्शन को आते हैं,
दर्शन कर कर सारे भक्त,
खुशियां मनाते हैं,
खुशियों से सारे मिलजुल कर,
खुशियों से सारे मिलजुल कर,
खुशियां मनाते हैं,
एक बार हमें बुला लो ना,
दादाजी दर तेरे।।

निशान लेके हाथ में,
भक्त है ये चले,
सच्चा है ये दर तेरा,
प्यारा मुझे लगे,
चरणों की धूल दे दो ना,
चरणों की धूल दे दो ना,
अब है हम तेरे,
एक बार हमें बुला लो ना,
दादाजी दर तेरे।।



एक बार हमें बुलालो ना दादाजी दर तेरे । BY Triveni Swari।धूनीवाले दादाजी dhuniwale dadaji new bhajan।

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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