अनराते सुख सोवना राते नींद न आय हिंदी मीनिंग Anrate Sukh Sovana Rate Neend Naa Aay Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit
अनराते सुख सोवना, राते नींद न आय |ज्यों जल छूटी माछरी, तलफत रैन बिछाय ||
Anrate Sukh Sovana, Rate Neend Naa Aay,
Jyo Jal Chhuti Machhari Tadfat Rain Bichaay.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
भक्त की अवस्था का वर्णन करते हुए कबीर साहेब सन्देश देते हैं की जो भक्ति से विमुख हैं और सांसारिक क्रियाओं में लिप्त रहते हैं वे सुख चैन से सोते हैं लेकिन जो भक्ति में लीन हैं उनको नींद नहीं आती है। जैसे जल से बाहर निकली हुई मछली तड़पती है वैसे ही भक्त भी रात भर तड़पता है। इस दोहे में भक्त कवि कहते हैं कि जिन लोगों को स्वरूपस्थिति यानी परम कल्याण में प्रेम नहीं है, वे विषय-मोह में सुख से सो जाते हैं। लेकिन जो लोग कल्याण के प्रेमी हैं, उन्हें विषय-मोह में नींद नहीं आती। उन्हें तो कल्याण की प्राप्ति के लिए वैसी ही छटपटाहट रहती है, जैसे जल से बिछुड़ी मछली तड़पते हुए रात बिताती है।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं