उँचा तरुवर गगन फल पंछी मुआ झुर मीनिंग
उँचा तरुवर गगन फल, पंछी मुआ झुर
बहुत सयाने पचि गये, फल निरमल पैय दूर।
Uncha Taruvar Gagan Phal, Panchhi Mua Jhur,
Bahut Sayane Pachi Gaye, Phal Nirmal Paiy Door.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning
आत्मज्ञान और भक्ति को कबीर साहेब ने बड़ी ही सरलता से समझाते हुए कहा है की आत्मज्ञान का वृक्ष बहुत ऊँचा है, तथा इसके फल भी आकाश की ऊँचाइयों में लगे हुए हैं .पछि (जीवात्मा) जो विकारों से घिरी हुई है उसे ना तो वे फल प्राप्त होते हैं और नाही उसकी छाया ही। बहुत से लोग पच पच कर मर गए हैं लेकिन उनको यह फल हाथ नहीं आया है। आत्मा की निर्मलता के अभाव में यह भक्ति रूपी फल हाथ में नहीं आने वाला है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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