फागणिये का मेला आया उमड़ी भीड़ अपार
फागणिये का मेला आया उमड़ी भीड़ अपार
फागणिये का मेला आया,
उमड़ी भीड़ अपार,
सिंहासन पर सजकर बैठ्या,
खाटू का सरदार,
फागण की ग्यारस पे बाबो,
अजब ही माया ढावे,
दिन में रंग चढ़े होली को,
रात दिवाली मनावे,
बोलो खाटू नरेश की जय।
आयो मेलो बाबे को,
मैं खाटू नगरी जावांगा,
मन में लाडू फूट रया है,
श्याम का दर्शन पावांगा,
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू,
जाकर भोग लगावांगा,
आयो मेलो बाबे को।
रूप निराला श्याम धणी को,
बहुत ही प्यारो लागे है,
श्याम दरस की प्यासी अंखियां,
इनकी प्यास बुझावांगा,
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू,
जाकर भोग लगावांगा,
आयो मेलो बाबे को।
भीड़ मोकळी होवण लागी,
अब तो खाटू नगरी में,
टाबरिया की पकडे आंगली,
मेले माये घुमावांगा,
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू,
जाकर भोग लगावांगा,
आयो मेलो बाबे को।
यादडली सतावे उनकी,
जो बाबा का प्रेमी है,
मेले माये सब मिल जावां,
श्याम से मिलकर आवांगा,
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू,
जाकर भोग लगावांगा,
आयो मेलो बाबे को।
उमड़ी भीड़ अपार,
सिंहासन पर सजकर बैठ्या,
खाटू का सरदार,
फागण की ग्यारस पे बाबो,
अजब ही माया ढावे,
दिन में रंग चढ़े होली को,
रात दिवाली मनावे,
बोलो खाटू नरेश की जय।
आयो मेलो बाबे को,
मैं खाटू नगरी जावांगा,
मन में लाडू फूट रया है,
श्याम का दर्शन पावांगा,
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू,
जाकर भोग लगावांगा,
आयो मेलो बाबे को।
रूप निराला श्याम धणी को,
बहुत ही प्यारो लागे है,
श्याम दरस की प्यासी अंखियां,
इनकी प्यास बुझावांगा,
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू,
जाकर भोग लगावांगा,
आयो मेलो बाबे को।
भीड़ मोकळी होवण लागी,
अब तो खाटू नगरी में,
टाबरिया की पकडे आंगली,
मेले माये घुमावांगा,
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू,
जाकर भोग लगावांगा,
आयो मेलो बाबे को।
यादडली सतावे उनकी,
जो बाबा का प्रेमी है,
मेले माये सब मिल जावां,
श्याम से मिलकर आवांगा,
रे फूट्या रे मोतीचूर का लाडू,
जाकर भोग लगावांगा,
आयो मेलो बाबे को।
फागुन मेला स्पेशल भजन | आयो मेलो बाबा को | Aayo Melo Baabe Ko | Raj Pareek | Khatu Shyam Bhajan
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