गौरी ने शंकर पाया लिरिक्स Gouri Ne Shankar Paya Bhajan Lyrics

गौरी ने शंकर पाया लिरिक्स Gouri Ne Shankar Paya Bhajan Lyrics

गौरी ने शंकर पाया लिरिक्स Gouri Ne Shankar Paya Bhajan Lyrics

हे गौरी शंकरार्धांगी,
यथा त्वं शंकर प्रिया,
तथा मां कुरु कल्याणी,
कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।

यूं छोड़ बिछौने मलमल के,
वो पत्थर को चूमे,
बस नाम रटे वो भोले का,
और दरस को दर दर घूमे।

है प्रीत प्रेम की लागी,
उनको ऐसा रोग लगाया,
जो थी फूलों की डाली,
फिर कांटो में मोह जगाया।

खुद को कर के फना फिर,
गौरी ने शंकर पाया,
छोड़ चौबारे भोग के बस,
शंभू को अपनाया,
खुद को कर के फना फिर,
गौरी ने शंकर पाया।

हे गौरी शंकरार्धांगी,
यथा त्वं शंकर प्रिया,
तथा मां कुरु कल्याणी,
कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।

आसान नहीं था इतना,
के चलना इस डगर पे,
ना फर्क था कोई जाने,
क्या सोचे इस खबर से।

दिन की सुध ना कोई,
हो ना शाम ढले कब जाने,
बस एक उम्मीद को ताके,
ओर करे इंतजार सबर से।

सौंपा खुद को शंभूं को,
और त्यागी मोह की माया,
तप त्याग किया गौरा ने,
और तांडव को भी अपनाया।

खुद को कर के फना फिर,
गौरी ने शंकर पाया,
छोड़ चौबारे भोग के बस,
शंभू को अपनाया,
खुद को कर के फना फिर,
गौरी ने शंकर पाया।

हे गौरी शंकरार्धांगी,
यथा त्वं शंकर प्रिया,
तथा मां कुरु कल्याणी,
कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।


Gauri Ne Shankar Paya | Akash Sharma | Mahashivratri Special 2024 | New Shiv Bhajan 2024


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