जग जननी पहाड़ोंवाली मां लिरिक्स Jag Janani Pahadowali Maa Lyrics
जग जननी पहाड़ों वाली मां,
कभी भक्तों के घर आ जाओ,
अपने ही दिए हुए अन्न जल का,
कभी खुद भी भोग लगाया करो,
जगजननी पहाड़ों वाली मां,
कभी भक्तों के घर आ जाओ।
भक्तों की लाज रखो मां भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
भक्तों की लाज रखो मां भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी।
इस घर में हमारा कुछ भी नहीं,
जो कुछ भी है माँ सब तेरा है,
चाहे दुःख है यहाँ,
चाहे सुख की घड़ी,
चाहे रौशनी चाहे अँधेरा है,
हम चाकर बनकर सेवा करें,
हम चाकर बनकर सेवा करें,
बन मालिक हुकुम चला जाओ,
जग जननी पहाड़ोंवाली माँ,
कभी भक्तों के घर आ जाओ।
अपने ही दिए हुए अन्न जल का,
कभी खुद भी भोग लगा जाओ,
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
हो भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहेरबानी।
यहाँ कुछ है सुदामा के चावल,
यहाँ विदुर का माँ कुछ साग भी है,
कुछ श्रद्धा का सागर उमड़ा हुआ,
कुछ भक्ति लगन अनुराग भी है,
कुछ तुम भी अपने चरणों का,
कुछ तुम भी अपने चरणों का,
हमें अमृत पान करा जाओ,
जगजननी पहाड़ोंवाली माँ,
कभी भक्तों के घर आ जाओ।
अपने ही दिए हुए अन्न जल का,
कभी खुद भी भोग लगा जाओ,
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
हो भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहेरबानी।
घर अपना बना लो इस घर में,
हम मिल जुल कर माँ रह लेंगे,
तेरी ममता की छाओं में अम्बे,
कुछ सुन लेंगे कुछ कह लेंगे,
माँ बच्चों के पावन रिश्तें की,
माँ बच्चों के पावन रिश्तें की,
कुछ झलक हमें दिखला जाओ,
जग जननीघक पहाड़ोंवाली माँ,
कभी भक्तों के घर आ जाओ।
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहेरबानी।
कभी भक्तों के घर आ जाओ,
अपने ही दिए हुए अन्न जल का,
कभी खुद भी भोग लगाया करो,
जगजननी पहाड़ों वाली मां,
कभी भक्तों के घर आ जाओ।
भक्तों की लाज रखो मां भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
भक्तों की लाज रखो मां भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी।
इस घर में हमारा कुछ भी नहीं,
जो कुछ भी है माँ सब तेरा है,
चाहे दुःख है यहाँ,
चाहे सुख की घड़ी,
चाहे रौशनी चाहे अँधेरा है,
हम चाकर बनकर सेवा करें,
हम चाकर बनकर सेवा करें,
बन मालिक हुकुम चला जाओ,
जग जननी पहाड़ोंवाली माँ,
कभी भक्तों के घर आ जाओ।
अपने ही दिए हुए अन्न जल का,
कभी खुद भी भोग लगा जाओ,
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
हो भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहेरबानी।
यहाँ कुछ है सुदामा के चावल,
यहाँ विदुर का माँ कुछ साग भी है,
कुछ श्रद्धा का सागर उमड़ा हुआ,
कुछ भक्ति लगन अनुराग भी है,
कुछ तुम भी अपने चरणों का,
कुछ तुम भी अपने चरणों का,
हमें अमृत पान करा जाओ,
जगजननी पहाड़ोंवाली माँ,
कभी भक्तों के घर आ जाओ।
अपने ही दिए हुए अन्न जल का,
कभी खुद भी भोग लगा जाओ,
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
हो भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहेरबानी।
घर अपना बना लो इस घर में,
हम मिल जुल कर माँ रह लेंगे,
तेरी ममता की छाओं में अम्बे,
कुछ सुन लेंगे कुछ कह लेंगे,
माँ बच्चों के पावन रिश्तें की,
माँ बच्चों के पावन रिश्तें की,
कुछ झलक हमें दिखला जाओ,
जग जननीघक पहाड़ोंवाली माँ,
कभी भक्तों के घर आ जाओ।
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी,
भक्तों की लाज रखो माँ भवानी,
मेरे घर आजा तेरी मेहेरबानी।
Jag Janani Pahadawali Maa | जग जननी पहाड़ावाली माँ | Narendra Chanchal | Maa Devi Popular Bhajan
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Author - Saroj Jangir
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