मत कर तू अभिमान रे बंदे भजन लिरिक्स Mat Kar Tu Abhiman Re Bande Anup Jalota
मत कर तू अभिमान रे बंदे,
झूठी तेरी शान रे,
मत कर तू अभिमान।
तेरे जैसे लाखों आये,
लाखों इस माटी ने खाये,
रहा ना नाम निशान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान।
माया का अन्धकार निराला,
बाहर उजला अन्दर काला,
इस को तू पहचान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान।
तेरे पास हैं हीरे मोती,
मेरे मन मंदिर में ज्योति,
कौन हुआ धनवान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान।
झूठी तेरी शान रे,
मत कर तू अभिमान।
तेरे जैसे लाखों आये,
लाखों इस माटी ने खाये,
रहा ना नाम निशान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान।
माया का अन्धकार निराला,
बाहर उजला अन्दर काला,
इस को तू पहचान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान।
तेरे पास हैं हीरे मोती,
मेरे मन मंदिर में ज्योति,
कौन हुआ धनवान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान।
Mat Kar Tu Ovhiman By Anup Jalota
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Author - Saroj Jangir
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