नाम न लिखायो गुरु खाता में लिरिक्स
नाम न लिखायो गुरु खाता में,
बितयो जावे रे जमारो थारो बातां में,
नाम न लिखायो गुरु खाता में।
करन व्यापार माया नगरी में आयो,
ठगड़ी रे साथ सारो माल ठगायो,
थारी जीवन की दुकान गई घाटा में,
नाम न लिखायो गुरु खाता में।
बितयो जावे रे जमारो थारो बातां में,
नाम न लिखायो गुरु खाता में।
माया ठगड़ी ने जाल बिछायी,
विषयों र संग सारो विष लिपटायो,
थार चौरासी हथकड़ियां पड़ी हाथ में,
नाम न लिखायो गुरु खाता में।
बितयो जावे रे जमारो थारो बातां में,
नाम न लिखायो गुरु खाता में।
कुणी तो सुण मारी बात निर्धन की,
कुणी तो बुझाव,
आग लागी मारा मन की,
मैं तो झुर झुर रोऊ दिन रातां में,
नाम न लिखा गुरु खाता में।
बितयो जावे रे जमारो थारो बातां में,
नाम न लिखायो गुरु खाता में।
माया की जाल मारा गुरु सा छुड़ावे,
फांसी चौरासी मारा गुरु सा कटावे,
मैं तो बलिहारी जाऊं गुरु चरणों में,
नाम न लिखायो गुरु खाता में।
बितयो जावे रे जमारो सारो बातां में,
नाम न लिखायो गुरु खाता में।
गुरुदेव की जय हो।
नाम न लिखायो गुरु खाता में | बितयो जावे रे जमारो,थारो बाता में | #new #bhajan
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