नींद तजो रे प्राणी हरि भजो लिरिक्स

नींद तजो रे प्राणी हरि भजो लिरिक्स



नींद तजो रे प्राणी हरि भजो लिरिक्स Neend Tajo Re Prani Hari Bhajan Lyrics

गुरु गोविंद की जय हो,
नींद तजो रे प्राणी हरि भजो,
हरि भज उतरो न पार।

रुखा रुखा में घणो आतरो,
गुरुसा या काई रीत,
चंदन रो रूख सुहावणो,
बवलयारा कांटा जो भाग।

नींद तजो रे प्राणी हरि भजो,
हरि भज उतरो न पार।

दूध दूध में घणों आतरो
गुरु सा या काई रीत,
गऊ रो दूध देवा चढ़े,
आंकड़ा रा कड़वा जो दूध।

नींद तजो रे प्राणी हरि भजो,
हरि भज उतरो न पार।

पंछी पंछी में घणों आतरो,
गुरु सा या काई रीत,
कोयल की बोली सुहावनी,
कागा रा कड़वा जो बोल।

नींद तजो रे प्राणी हरि भजो,
हरि भज उतरो न पार।

संता संता में घणों आतरो,
गुरु सा या काई रीत,
नागर जी री बोली सुहावनी,
नुगरा रा कड़वा जो बोल।

नींद तजो रे प्राणी हरि भजो,
हरि भज उतरो न पार।

कहत कबीरा धर्मीदास जी,
हरि भजन उतरो न पार।


हरि भज उतरो न पार। सतगुरु चेतावनी भजन। #सतगुरु#भजन#स्पेशल


ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।


Related Post
Next Post Previous Post