तू आच्छी आच्छी घोटा लिज म्हारा मनवा लिरिक्स Tu Aachhi Ghota Lij Manava Lyrics
तू आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
तन तलवार यो मन है बकरो,
शब्दा रा झटका लीज रे,
थु हाल चाल ने दूर हटाजे,
छुरी ज्ञान कि दिज रे।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
कुबद काचरी लूण जो धनियो,
ममता री मरचया लिज रे,
थु हल्दी जीरो बरका दीज,
पांच मसाला लीज र।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
सत्य को चुल्हो धर्म की हांडी,
तन मन आधण दीजे रे,
थु लखचौरासी रो छुकण दीजे,
फूक प्रेम की दीजे रे।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
जद अभिमान उफनबा लाग,
समता रो धाकण दीज रे,
धर्मराय जी परोसन लागया,
भाव जतरो लिज र।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
कहत कबीर सा सुनो भाई सजना,
गुरु चरणों में रिज रे,
गुरु चरणों में अटल खजाना,
भव सागर तिर जावो रे।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
तन तलवार यो मन है बकरो,
शब्दा रा झटका लीज रे,
थु हाल चाल ने दूर हटाजे,
छुरी ज्ञान कि दिज रे।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
कुबद काचरी लूण जो धनियो,
ममता री मरचया लिज रे,
थु हल्दी जीरो बरका दीज,
पांच मसाला लीज र।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
सत्य को चुल्हो धर्म की हांडी,
तन मन आधण दीजे रे,
थु लखचौरासी रो छुकण दीजे,
फूक प्रेम की दीजे रे।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
जद अभिमान उफनबा लाग,
समता रो धाकण दीज रे,
धर्मराय जी परोसन लागया,
भाव जतरो लिज र।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
कहत कबीर सा सुनो भाई सजना,
गुरु चरणों में रिज रे,
गुरु चरणों में अटल खजाना,
भव सागर तिर जावो रे।
थु आच्छी आच्छी घोटा,
लिज म्हारा मनवा,
जद म्हारा हरि जी रीझ ला।
चेतावनी भजन । आच्छी-आच्छी गोटा लिज म्हारा मनवा जद म्हारा हरिजी रिझला। #krishna #new #bhakti #bhajan
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