प्रथम गोचारन चले गोपाल लिरिक्स Pratham Gocharan Chale Gopal Lyrics
प्रथम गोचारन चले गोपाल,
जननी यशोदा करत आरती,
मोतिन पूरे थाल।
मंगल शब्द होत तिहिं ओसर,
गावत मिलि व्रजबाल,
विविध भांत पट भूषन पहेरे,
रोरी तिलक दीयो भाल।
सब समाज ले चले वंदावन,
आगें लीनी गाय,
राई लोन उतारि यशोदा,
गोविंद बल बलजाय।
जननी यशोदा करत आरती,
मोतिन पूरे थाल।
मंगल शब्द होत तिहिं ओसर,
गावत मिलि व्रजबाल,
विविध भांत पट भूषन पहेरे,
रोरी तिलक दीयो भाल।
सब समाज ले चले वंदावन,
आगें लीनी गाय,
राई लोन उतारि यशोदा,
गोविंद बल बलजाय।
Gopashtami Ke Kirtan
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