राम बुलावा भेजिया दिया कबीरा रोय हिंदी मीनिंग Ram Bulava Bhejiya Meaning
राम बुलावा भेजिया दिया कबीरा रोय हिंदी मीनिंग Ram Bulava Bhejiya Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
राम बुलावा भेजिया, दिया कबीरा रोय ।जो सुख साधू संग में, सो बैकुंठ न होय ।
Ram Bulava Bhejiya, Diya Kabira Roy,
Jo Sukh sadhu Sang Me, So Baikunth Na Hoy.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
राम ने बुलावा भेजा है, कबीर साहेब इसको देखकर विलाप करने लगे हैं। जो सुख साधुजन की संगति में है, वह स्वर्ग में भी नहीं हो सकती है। आशय है की एक रोज सभी को ईश्वर के प्राप्त जाना है, ऐसे में कबीर साहेब को दुःख है की साधु संगत में जो सुख है वह किसी भी अन्य में नहीं हो सकती है। साधू संगत को साहेब ने सर्वोच्च स्थान दिया है। इस दोहे में कबीर दास जी ने संत और सज्जनों की संगति की महिमा का वर्णन किया है। वे कहते हैं कि जब मृत्यु का समय आया और राम के दूतों ने उन्हें बुलाया, तो वे रो पड़े। इसका कारण यह था कि उन्हें पता था कि वह अब संत और सज्जनों की संगति से दूर हो जाएंगे। उनके साथ रहने में जो आनंद था, वह किसी भी अन्य आनंद से अधिक था, यहां तक कि स्वर्ग के आनंद से भी।
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