उठ म्हारा कानुड़ा दनडो उगायो
उठ म्हारा कानुड़ा दनडो उगायो,
दनडो उगायो कान्हा कुकड़ो बोलायो।
चिड़िया चिक चिक बोले रे,
उठ म्हारा कानुड़ा दनडो उगायो।
ओरां की गाया मंगरा चढ़ गई,
आपनी तो गाया गवाड़ा म,
उठ म्हारा कानुड़ा दनडो उगायो।
ओरां कय माता दो दोय रानियां,
आपणो तो कान्हौ कंवारो है,
ऊठ म्हारा कानुड़ा दनडो उगायो।
थारो तो कान्हौ कंवारो है,
उठ म्हारा कानुड़ा दनडो उगायो।
बरसाना में थारी करूं रे सगाई,
गोकुल में जान चढ़ादूं रे,
ऊठ म्हारा कानुड़ा दनडो उगायो।
गोकुल में ब्याव रचादू रे,
उठ म्हारा कानुड़ा दनडो उगायो।
राधेजी परणादू थन,
रुक्मणीजी परणादूं,
कोटडी में ब्याव रचादू रे,
उठ म्हारा कानुड़ा दनडो उगायो।
चंद्र सखी ब्रज बाल की शोभा,
हरक हरक गुण गांवा रे।
उठ म्हारा कानूड़ा दनडो उगायो,
समझ समझ गुण गांवा रे,
उठ म्हारा कानूड़ा दनडो उगायो।
उठ म्हारा कानुड़ा, दनड़ो उगायो | बहुत प्यारा कृष्ण भजन | New Bhajan
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Author - Saroj Jangir
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