जयपुर से चुनरी लाई मैं गोटेदार लिरिक्स Jaipur Se Chunari Lai Main Bhajan Lyrics

जयपुर से चुनरी लाई मैं गोटेदार लिरिक्स Jaipur Se Chunari Lai Main Bhajan Lyrics


जयपुर से चुनरी लाई मैं गोटेदार लिरिक्स Jaipur Se Chunari Lai Main Bhajan Lyrics

जयपुर से चुनरी लाई री,
मैं लाई गोटेदार,
जयपुर से चुनरी लाई री,
मैं लाई गोटेदार,
किरण चमकणी लगाई चुनरी में,
किरण चमकणी लगाई चुनरी में,
रेशम की करी थी कढ़ाई चुनरी में,
रेशम की करी थी कढ़ाई चुनरी में,
मेरी मैया को उढाई री,
लाई री मैं लाई गोटेदार,
जयपुर से चुनरी लाई री,
मैं लाई गोटेदार।

ओढ़ चुनरिया मैया बैठी रे पहाड़ पे,
हवा पुरवइया चले री पहाड़ पे,
चूनरिया मां की उड़ गई रे,
लाई में गोटेदार,
जयपुर से चुनरी लाई री,
मैं लाई गोटेदार।

उड़ती चुनरिया भोले जी ने देखी,
पीछे पीछे आती गौरा देखी,
भोले के मन को भाई री,
लाई मैं गोटेदार,
जयपुर से चुनरी लाई री,
मैं लाई गोटेदार।

ऐसी चुनरिया गौरा कहां से लाई,
माणिक मोती रत्न जड़ाई,
मां मन ही मन मुस्काई रे,
मैं लाई गोटेदार,
जयपुर से चुनरी लाई री,
मैं लाई गोटेदार।

मेरे भक्त भोले करे जगराते,
मैया के जब आते नवरात्रे,
भक्तों ने वहीं उढाई रे,
मैं लाई गोटेदार,
जयपुर से चुनरी लाई री,
मैं लाई गोटेदार।


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