आरी गगन मां और उल्टा बाण गगन में लागा लिरिक्स Aari Gagan Maa Aur Ulta Baan Lyrics
गगन माँ म्हारो परभु रमे छे निराधारो रे,
गगन माँ राम रमे रंगारो रे हरी।
आरी गगन माँ ज्योत जलंत है,
ऐनु अखंड भयो उजवालो।
आरी गगन माँ बाजा रे बाजे,
ऐनु झीनू झीनू आ झनकारो।
गुरुमुख ज्ञानी सतगुरु आगे,
तियाँ मटी जाए जम का फेरा।
कहत कबीरा सुनो भाई साधो,
ऐवा अनगढ़िया तीरथ कोने भारिया।
English Translation:
In this sky, my Ram roams
In many hues, many colours
In this sky, my God plays
No scaffolds, no structures
In this sky, a light shines
Unbroken in all corners
In this sky, an instrument plays
Subtle music, subtle tremors
To this guru-sky, I turn my face
I am freed of the noose
To have and to lose
Kabir asks, hey seekers
Will you be pilgrims
To a city with
No contours?
(Translation: Shabnam Virmani)
उल्टा बाण गगन को लागा,
उवां बनी एक डेरी,
उस डेरी में अलख विराजे,
अनहद लेहर लागी,
तमे देखो दरिया की लेहेरी,
मन मुंजो वचने हेरी,
सतगुरु शब्दे हेरी,
तमे देखो दरिया की लेहेरी।
आरी काया में सात सायर है,
नवाणु सौ नदियाँ बह रही,
ओहम सोहम रत्नाकर छायो,
मांय रहयो अमीरस भेरी।
आरी काया में वाजा वाजे,
वाजे आठों पहोरी
जांज पखावज मिरदंग वागे,
मुरली वजे गहरी गहरी।
आरी काया में तरुवर छायो,
नाहीं पान नहीं डाली,
आरी काया में धुप नहीं छाया,
फल लागा चौ फेरी।
अगम अगोचर निर्भय कीन्हा,
नहीं जानू गम गहरी,
कहत कबीर सुनो मेरे साधू,
निर्गुण माला फेरी।
'Aari Gagan Ma' & 'Ulta Baan' (Poet: Kabir)
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