देखती रह जाओगी आओगी कुटिया में मेरी
देखती रह जाओगी आओगी कुटिया में मेरी भजन
देखती रह जाओगी,
आओगी कुटिया में मेरी,
कुटिया में ही रह जाओगी,
देखती रह जाओगी,
देखती रह जाओगी।
मैया जी तेरा मंदिर संगमरमर का,
कि घर मेरा है सस्ते पत्थर का,
हर पत्थर में है प्यार समाया,
जहां भी नजरें घुमाओगी,
देखती रह जाओगी,
देखती रह जाओगी।
मैया जी तेरा चांदी का दरवाजा,
हमारे घर है दिल का दरवाजा,
उससे निकल तो जाओगी मां,
दिल से निकल नहीं पाओगी,
देखती रह जाओगी,
देखती रह जाओगी।
मैया जी तेरा चांदी का सिंहासन,
यहां पे मेरी पलकों का है आसन,
एक चांदी का एक नैनों का,
कहां पे डेरा जाओगी,
देखती रह जाओगी,
देखती रह जाओगी।
मैया जी तेरे गांव का पानी खारा,
यहां पर बनवारी अंसुवन धारा,
एक कुएं का एक अंखियों का,
किससे चरण धुलवाओगी,
देखती रह जाओगी,
देखती रह जाओगी।
देखती रह जाओगी,
देखती रह जाओगी,
आओगी कुटिया में मेरी,
कुटिया में ही रह जाओगी,
देखती रह जाओगी,
देखती रह जाओगी।
मेरी घर कब आओगी महासर माता | Mahasar Mata Bhajan | Garhi Mahasar Mata Bhajan | Garhi Dham | गढ़ी धाम
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जब प्रेम और भक्ति अपने चरम पर होती है, तब मंदिर और मूरत का भेद मिट जाता है। माँ का संगमरमर का मंदिर एक प्रतीक है — बाहरी भव्यता का, जबकि ‘कुटिया’ उस छोटे, प्रेम से भरे हृदय की पहचान है जहाँ भाव का ताप और समर्पण की सुगंध बनी रहती है। सस्ते पत्थरों में जो स्नेह बसता है, वह किसी कीमती रत्न से भी अधिक उज्ज्वल हो उठता है। जहाँ प्रेम सच्चा हो, वहाँ देवता स्वयं घर कर लेते हैं। माँ जब इस सादगी से भरे प्रेम की भूमि पर आती है, तो उसकी करुणा भी ठहर जाती है, जैसे कोई नदी अपने स्रोत को पहचान ले।
माँ का चांदी का दरवाज़ा यहाँ बाहरी प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जबकि दिल का दरवाज़ा उस प्रेम का जो खोलने पर समूचा अस्तित्व समर्पित हो जाए। जिस भाव से कोई ईश्वर को अपने भीतर स्थान देता है, वही उसे चिरंतन बना देता है। माँ चाहे अपने सिंहासन पर विराजे, या पलकों पर, अंतर बसता वहीं है जहाँ भक्ति का ताप सच्चा हो। बाहरी जग चमकदार हो सकता है, पर भीतर का नयनमंदिर ही अमर होता है। प्रेम की यह धार आँखों से बहते जल की तरह निर्मल है — वही असली गंगाजल है जिससे चरण पवित्र होते हैं। जब भावना इस कसौटी तक पहुँच जाती है, तब देवता भी स्थिर हो जाते हैं, और केवल देखते रह जाते हैं — उस सच्चे प्रेम के प्रवाह को जो बिना दिखावे, बिना आग्रह, बस समर्पण और सादगी में खिलता है।
➟ Title: Dekhti Rah Jaogi
➟ Singer: Keshav Madhukar & Saurabh Madhukar (Kolkata)
➟ Lyricist: Jai Shankar Chaudhary (Banwari Ji)
➟ Music Label: Sur Sourav Industries
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