अम्बे रानी भवानी तू जग कल्यानी
अम्बे रानी भवानी तू जग कल्यानी
तेरी महिमा है कितनी निराली,
तुझको कहते हैं शेरावाली ।।
दुःखियों के दुःख को,
मइया मेरी हरती ।
रोगियों के रोग को,
पल में ही हरती ।।
दुःखियों के दुःखों को मैया हरेगी,
वो है दुःख को हरने वाली।।
तुझको कहते हैं शेरावाली...
भक्तजनों पे मइया,
कृपा दृष्टि रखती ।
भक्तों के कष्ट को,
दूर सदा करती ।।
अम्बे तू मइया है जग की खेवैया,
तुझको ही कहें चण्डी-काली।।
तुझको कहते हैं शेरावाली...
कान्त तू मइया जी का,
गुणगान करले ।
अम्बे माँ का नाम तू,
लेके भव तर ले ।।
दुःख नाश करती है जगदम्बे मइया,
गाओ भक्तों बजा करके ताली।।
तुझको कहते हैं शेरावाली...
तुझको कहते हैं शेरावाली ।।
दुःखियों के दुःख को,
मइया मेरी हरती ।
रोगियों के रोग को,
पल में ही हरती ।।
दुःखियों के दुःखों को मैया हरेगी,
वो है दुःख को हरने वाली।।
तुझको कहते हैं शेरावाली...
भक्तजनों पे मइया,
कृपा दृष्टि रखती ।
भक्तों के कष्ट को,
दूर सदा करती ।।
अम्बे तू मइया है जग की खेवैया,
तुझको ही कहें चण्डी-काली।।
तुझको कहते हैं शेरावाली...
कान्त तू मइया जी का,
गुणगान करले ।
अम्बे माँ का नाम तू,
लेके भव तर ले ।।
दुःख नाश करती है जगदम्बे मइया,
गाओ भक्तों बजा करके ताली।।
तुझको कहते हैं शेरावाली...
Ambe Rani Bhawani Tu Jag Kalyani Bhajan-Mata Bhajan अम्बे रानी भवानी तू जग कल्यानी | स्वर : आलोक जी | भजन रचना : #shrikantdasjimaharaj
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जगत की हर सांस में एक ऐसी शक्ति बसती है, जो कल्याण की स्रोत है। यह शक्ति ममता और सामर्थ्य का संगम है, जो हर दुखी मन को सहारा देती है। शक्ति दुखों को पल में हर लेती है। रोग, शोक, और संताप इसके सामने ठहर नहीं पाते; यह करुणा हर पीड़ा को शांत कर देती है।
भक्तों के प्रति इसका प्रेम अटूट है। यह शक्ति सदा उनकी रक्षा करती है, उनके कष्टों को दूर कर उन्हें नई राह दिखाती है। जैसे नाविक नाव को तूफान से बचा लेता है, वैसे ही यह शक्ति जीवन की हर उलझन से पार उतारती है। इसका रूप भले ही कोमल हो, पर इसमें चण्डी और काली का तेज भी समाया है, जो हर बाधा को चूर कर देता है।
भक्तों के प्रति इसका प्रेम अटूट है। यह शक्ति सदा उनकी रक्षा करती है, उनके कष्टों को दूर कर उन्हें नई राह दिखाती है। जैसे नाविक नाव को तूफान से बचा लेता है, वैसे ही यह शक्ति जीवन की हर उलझन से पार उतारती है। इसका रूप भले ही कोमल हो, पर इसमें चण्डी और काली का तेज भी समाया है, जो हर बाधा को चूर कर देता है।
माता भजन : अम्बे रानी भवानी तू जग कल्यानी ।
स्वर : आलोक जी
भजन रचना : प. पू. श्री श्रीकान्त दास जी महाराज ।
स्वर : आलोक जी
भजन रचना : प. पू. श्री श्रीकान्त दास जी महाराज ।
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Author - Saroj Jangir
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