गुरु की महीमा कोई ना जाने लिरिक्स Guru Ki Mahima Koi Na Jane Lyrics

गुरु की महीमा कोई ना जाने लिरिक्स Guru Ki Mahima Koi Na Jane Lyrics

 
गुरु की महीमा कोई ना जाने लिरिक्स Guru Ki Mahima Koi Na Jane Lyrics

गुरु की महीमा कोई ना जाने,
ना कोई पंडित ना ही सयाने,
गुरु की महीमा कोई ना जाने,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।

गुरु एक बहती गंगा की धारा,
गुरु चरनन ने सबको तारा,
कृपा को इनकी हर कोई माने,
गुरु की महीमा कोई ना जाने,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।

पिर फकीर की वाणी में वो है,
बुद्ध नानक सा सुखदायी वो है,
प्रेम को उसके कैसे बखाने,
सिमरन के है लाखों बहाने,
गुरु की महीमा कोई ना जाने,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।

शब्द ना जाने कहां खो गये,
आंखें मन की ज़ुबां हो गये,
लगन लगी संग प्रीत अगोचर,
लोग लगे हमको समझाने,
गुरु की महीमा कोई ना जाने,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।

गुरु की महिमा कोई ना जाने,
ना कोई पंडित ना ही सयाने,
गुरु की महीमा कोई ना जाने,
ना कोई पंडित ना ही सयाने।


लीजिए एक ऒर बेहतरीन गुरु वंदना सुनिए ||स्वर दिनेश भट्ट || गुरु की महिमा


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