लूट सके तो लूट ले राम नाम की लूट मीनिंग

लूट सके तो लूट ले राम नाम की लूट मीनिंग

लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट।
पीछे फिर पछ्ताओगे, प्राण जाहि जब छूट।
 
Lut Sake To Loot Le, Ram Nam Ki Loot,
Pichhe Phir Pachhaaoge, Pran Jahi Jab Chhoot.
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट।
पीछे फिर पछ्ताओगे, प्राण जाहि जब छूट।।
लूट सके तो लूट ले - भगवान के नाम का लाभ उठाओ।
राम नाम की लूट - भगवान का नाम।
पीछे फिर पछ्ताओगे - बाद में पछताओगे।
प्राण जाहि जब छूट - जब प्राण निकल जाए।

ईश्वर के नाम सुमिरन की लूट मची है, तुम जितना लूट सकते हो उत्तम यही है की कोई राम के नाम का सुमिरन करे। इसका कोई मूल्य नहीं है। जब प्राण छूट जाएंगे तब तुम कैसे हरी के नाम का सुमिरन करोगे।  कबीर दास जी कहते हैं कि भगवान का नाम हमें दुख और सुख दोनों में सहारा देता है। यदि हम दुख में भगवान का नाम लेते हैं तो हमें शांति मिलती है। और यदि हम सुख में भी भगवान का नाम लेते हैं तो हमें दुख नहीं होता है। यह दोहा हमें यह भी सिखाता है कि हमें भगवान के नाम का हमेशा स्मरण रखना चाहिए। भगवान का नाम ही हमारा सबसे बड़ा सहारा है।


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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