थिति पाई मन थिर भया सतगुर करी सहाइ हिंदी मीनिंग Thiti Paayi Man Thir Meaning Kabir Ke Dohe

थिति पाई मन थिर भया सतगुर करी सहाइ हिंदी मीनिंग Thiti Paayi Man Thir Meaning Kabir Ke Dohe

थिति पाई मन थिर भया, सतगुर करी सहाइ।
अनिन कथा तनि आचरी, हिरदै त्रिभुवन राइ॥
Thiti Paai Man Thir Bhaya, Satgur Kari Sahaai,
Anin Katha Tani Aachri, Hirade Tribhuvan Raai.

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Hindi Word Meaning.

थिति : प्रतिष्ठतित तत्व, मान सम्मान आदि, स्थिर तत्व, योग की स्थिति.
मन थिर भया : मन शांत हो गया है.
सतगुर करी : गुरु ने की.
सहाइ : सहायता.
अनिन : अनन्य.
कथा : अनन्य प्रेम कथा.
तनि : तन में, देह में,
आचरी : घटित हुई, चरितार्थ हुई.
हिरदै : हृदय.
त्रिभुवन :
परमात्मा, त्रिलोकपति.
राइ : राजा.

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग Kabir Doha/Sakhi Hindi meaning.

सतगुरु ने साधक की सहायता की जिससे उसने परम पद प्राप्त कर लिया है और मन में स्थिरता आ गई है. अब साधक का मन विषय और वासनाओं की तरफ नहीं दौड़ता है. उसके हृदय में अनन्य इश्वर की कथा/कार्यों का चरितार्थ हो गया है. उसने भक्ति के परम पद को प्राप्त कर लिया है. भटकाव समाप्त होकर उसका चित्त पूर्ण परमात्मा में रम गया है. समस्त सांसारिक जगत के कार्यों को छोड़कर अब साधक अंतर्मुखी हो गया है और सहज अवस्था को प्राप्त कर चूका है. साधक के हृदय में त्रिलोकपति का निवास हो गया है.

इस दोहे का भाव है की सतगुरु देव ने साधक को ज्ञान दिया जिससे वह भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़कर ऐसी अवस्था में आ गया है जहाँ पर उसे किसी मान सम्मान, सांसारिक क्रियाओं की आवश्यकता शेष नहीं रही है. यह भक्ति की ऐसी अवस्था है जहाँ पर मौखिक भक्ति, नाम जाप आदि भी महत्त्व गौण हो जाता है. हृदय में ही मनका चलता है. स्वांस स्वांस में भक्ति की सुगंध व्याप्त हो जाती है, तन और मन राममय हो जाते हैं. समस्त मानसिक चंचलता ऐसी अवस्था में शून्य हो जाती है. ऐसी अवस्था को प्राप्त करना ही परम पद कहलाता है.

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