मां काली तेरा सूना पड़ा दरबार
मां काली तेरा सूना पड़ा दरबार,
आज दे किलकार गुंजा दे,
मां काली तेरा सूना पड़ा दरबार,
आज दे किलकार गुंजादे।
तेरे बिना तेरी ज्योति सूनी,
दिखी नहीं जीभ तेरी खूनी,
मां काली दिन से तेरा शनिवार,
आज दे किलकार गुंजा दे,
मां काली तेरा सूना पड़ा दरबार,
आज दे किलकार गुंजा दे।
झूम झूम के आती क्यू ना,
रोम मेरी करनाती क्यू ना,
तू आइये शेर पे हो असवार,
आज दे किलकार गुंजा दे,
मां काली तेरा सूना पड़ा दरबार,
आज दे किलकार गुंजा दे।
सब सोलह श्रृंगार धरा मां,
पान और पेड़ा तैयार धरा मां,
री दे द्यूं तने शरबत की धार,
आज दे किलकार गुंजा दे,
मां काली तेरा सूना पड़ा दरबार,
आज दे किलकार गुंजा दे।
जुएं आला कृष्ण दर्शन चाहवे,
संतोष के सिर तू क्यूं ना आवे,
मां काली मंजीत करे प्रचार,
आज दे किलकार गुंजा दे,
मां काली तेरा सूना पड़ा दरबार,
आज दे किलकार गुंजा दे।
माँ काली तेरा सुणा पड़ा दरबार || Latest Maa Kali Bhajan 2024 ||Krishan Juan Wale || Mata Ki Chowki HD
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Author - Saroj Jangir
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