मन ना रंगाये जोगी कपड़ा रंगाये भजन लिरिक्स
तन को जोगी सब करे,
मन को करे ना कोई,
सहज सब सिद्धि पाइए,
जो मन जोगी होय।
हम तो जोगी मन ही के,
तन के है ते और,
मन को जोग लगाता,
दशा भई कछु और।
मन ना रंगाये जोगी,
कपड़ा रंगाये,
मन ना फिराये जोगी,
मनका फिराये,
मन ना रंगाये जोगी,
कपड़ा रंगाये।
आसन मार गुफा में बैठे,
मनवा चहुं दिस ध्याये,
भव तारक घट बीच बिराजे,
खोजे तीर्थ जाये,
मन ना रंगाये जोगी,
कपड़ा रंगाये।
पोथी बांचे याद करावे,
भक्ति कहूं नहीं पाये,
मनका मनका फेरे नाहीं,
तुलसी माल फिराये फिराये,
मन ना रंगाये जोगी,
कपड़ा रंगाये।
जोगी होके जागा नाहीं,
चौरासी भरमाये,
जोग जुगत सो दास कबीरा,
अलख निरंजन पाये,
मन ना रंगाये जोगी,
कपड़ा रंगाये।
मन ना रंगाये जोगी,
कपड़ा रंगाये,
मन ना फिराये जोगी,
मनका फिराये,
मन ना रंगाये जोगी,
कपड़ा रंगाये।
Man Na Rangaye Jogi Kapada Rangaye
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Author - Saroj Jangir
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