ऐसा होगा कलयुग Narci Rap Aisa Hoga Kalyug Lyrics

ऐसा होगा कलयुग Narci Rap Aisa Hoga Kalyug Lyrics


ऐसा होगा कलयुग Narci Rap Aisa Hoga Kalyug Lyrics

कलयुग में मनुष्य दूसरों के,
दुःख में अपना सुख ढूंढेगा,
अपने परिवार का पेट पालने के लिए,
दूसरों की हत्या करने में भी,
उसे कोई ग्लानि,
कोई पश्चाताप नहीं होगा।

दूसरों के रक्त में सनी हुई रोटी,
वो स्वयं भी खायेगा और,
अपनी संतान को भी खिलायेगा,
अपने भी पराए हो जायेंगें।

खून के रिश्ते मैले होंगे,
शर्म करेगा कोई ना,
पक्ष असुरी भरेगा,
धर्म पढ़ेगा कोई ना,
कर्म की बातें सब करेंगे,
हाथों में ले गीता को,
फलों की सबको चिंता होगी,
कर्म करेगा कोई ना,
न्याय बिकेगा खुला और,
मौन पड़ेंगे न्यायाधीश,
लोगों के ही आगे होगी हत्या,
फिर तो न्याय की,
जिसने ना कसूर किया,
वो कारागार में रोएगा,
जान लेगा भाई सगा,
स्वयं अपने भाई की,
आवाज़ उठेगी नेकी की ना,
सब करेंगे छोटा मन,
लोग हसेंगे देख किसी का,
बेबसी में रोता क्षण,
द्वापर से भी नीच यहाँ,
होंगे सौ दुर्योधन,
चीर फटेगा नारी का,
तो सब बनेंगे श्रोतागण,
नीच बड़े उकसाएंगे कि,
त्याग देना तू धर्म,
हरि कथा चोर और,
काली के आके छू चरण,
मां भाभी और बहनों को,
ना छोड़ेंगे वो भेड़िये,
बच्चों से भी नीच करेंगे,
वो गिरोह में कुकर्म,
आने वाला कलयुग,
होगा कुछ ऐसा,
पूजेंगे वो देव एक ही,
जिसे कहेंगे पैसा
रिश्तों को ये खायेगा,
न्याय रखेगा जेब में,
श्रद्धा झूठी कभी भी दिल की,
कालिख को है ढकती ना,
ढोंगियों की झूठी लीला,
कभी ढोंग से थकती ना
मंदिरों के आगे ये,
नाचेंगे श्रृंगार में,
पाने को प्रसिद्धि बस,
ढोंग करेंगे भक्ति का।

अरे ये तो कुछ भी नहीं है,
कलयुग में मनुष्य की,
विचारधारा इससे भी,
गिरी हुई होगी।

अस्थायी सुखों को पाने हेतु,
सभी हवस को भागेंगें,
साहस होगा जीने का ना,
काया खुद की टांगेंगे,
नहीं मिलेंगे श्रवण कुमार,
मांगेंगे सब सम्पत्ति,
राम नाम तो लेंगे पर,
मर्यादा भी लाँघेंगे,
मदिरा जुआ सोना काम,
बैठेंगे ये सर पर ही,
वेश्यालय ही करेंगे तब,
सबके मन को आकर्षित,
लहू लगेगा मुंह ऐसा,
कि मानवता को भूलेंगें,
पशुओं तक ना सीमित होंगे,
बनेंगे सारे नरभक्षी,
प्रेम की परिभाषा भी,
ये देंगे यहां पे पूरी रौंद,
दे वचन ये प्रेमी को,
करेंगे सारे से संभोग,
कली काल के प्राणी ना,
सात वचन निभायेंगें,
ना निष्ठा होगी रिश्तों में,
चिंता का बस होगा ढोंग,
छोटे से ही विवरण में,
लेना तुम अनुमान लगा,
असुरों से भी नीच बनेंगे,
सृष्टि के इंसान वहां,
प्रह्लाद के जैसे मिला कोई तो,
भवसागर के होगा पार,
बैठेगा ना कोई वरना,
नारायण में ध्यान लगा।

कलयुग की सबसे बड़ी,
विडम्बना ये होगी कि,
मनुष्य अपने छोटे से स्वार्थ के लिए,
दूसरों के बड़े-बड़े हितों को,
भेंट चढ़ाने से संकोच नहीं करेगा।


Aisa Hoga Kalyug | Narci | Hindi Rap (Prod. By Narci)


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Song: Aisa Hoga Kalyug
Rap & Lyrics: Narci
Music, Mixing & Mastering: Narci
Lord Krishna's Vocals: Sarvadaman D. Banerjee (Ramanand Sagar's Shree Krishna)
 
This song has been prepared in such a way as if Lord Krishna is giving the description of the coming era i.e. Kaliyuga in the Dwapar period. The scene of Kalyug is very horrifying and cruel where justice is gradually ending and crime is rapidly spreading its roots. As Kaliyuga progresses, it is becoming more dangerous. The existence of devotion and love is gradually disappearing and humans are becoming worse than demons here.


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