संघ हृदय में भर पाएं अब लिरिक्स Sangh Hridya Se Bhar Paye Bhajan Lyrics

संघ हृदय में भर पाएं अब लिरिक्स Sangh Hridya Se Bhar Paye Bhajan Lyrics

 
संघ हृदय में भर पाएं अब लिरिक्स Sangh Hridya Se Bhar Paye Bhajan Lyrics

संघ हृदय में भर पाएं अब,
घर-घर हमको जाना है,
संघ हृदय में भर पाएं अब,
घर-घर हमको जाना है।

संघ कार्य जीवन व्रत अपना,
कभी ना यह भूलना है,
अहंकार व्यक्तित्व हृदय से,
पूर्ण मिटाकर चलना है,
तत्वज्ञान की शिक्षा पाकर,
स्वर्णिम समय बिताना है,
तत्व सुधा रस पीकर निज को,
अमृत पूर्ण बनाना है,
घर-घर हमको जाना है।

सिद्धांतों पर अपने डट कर,
संघ नींव को भरना है,
निर्भय होकर दृढ़ता से अब,
विपत्तियों से लड़ना है,
अंतरंग बहरंग हमारा,
सब समान शुद्ध है,
मानवता का अनुभव अपने,
कार्य रूप में लाना है,
घर-घर हमको जाना है।

हिन्दुत्व एक अपनत्व भावना,
रोम-रोम में भरना है,
हिन्दू हृदय सब एक रूप कर,
बिंदु सिन्धुवत करना है,
हृदय सीमा के बाहर अपने,
संघ शक्ति प्रकटना है,
कार्य कुशलता से ही अपना,
आगे पैर बढ़ाना है,
घर-घर हमको जाना है।


संघ हृदय में भर पायें अब घर घर हमको जाना है।||SanghGeet|| sangh hriday me bhar payen||


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