Tara Ki Bhi Aakhya Khulagi Lyrics
तारां की भी आंख्यां खुलगी,
थारी इक अंगड़ाई मं,
थारे सामे चांद समूचो,
जावे यार दिखाई मं।
कुदरत का रंग चूड़ी बणगया,
थारी गोळ कलाई मं,
थारे सामे चांद समूचो,
जावे यार दिखाई मं।
गोळ-गोळ गोरो सो मुखड़ो,
आंख्यां थारी बड़ी-बड़ी,
होठां क नोलखा उपरें,
हीरां सी मुस्कान जड़ी।
सारे कामां स्यूं छुट्टी ले,
छोड़-छाड़ कर कंजूसी,
हळक-हळके हाथां स्यूं तने,
फुरसत मं भगवान घड़ी।
म्हारो मन है रम ज्याऊं थारी,
आंख्यां की उरळाई मं,
थारे सामे चांद समूचो,
जावे यार दिखाई मं।
म्हारी सांस-सांस मं सोरम थारी,
पूरब की पुरवाई तू,
मं कोई बादीलो भंवरो,
फूलां की नरमाई तू।
होळे-होळे मेल पांवडा,
लाज को घूंघट सार परो,
निजरां की पगडंडी होतां,
मन आंगणिये आई तू।
म्हारो दिन आंथे उग ज्यावे,
थारे संग हताई मं,
थारे सामे चांद समूचो,
जावे यार दिखाई मं।
Jaawe Chand Dikhai me जावै चाँद दिखाई में | Ajit Singh | SP Jodha | Shyamli Thakur | New Rajasthani
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Song : Jaawe chand Dikhai me
Singer: Ajit Singh Tanwar
Lyrics : Prakash Jangir
Music by : Mr. Maxx ( Jbros Studio)
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