थारो म्हारो मावड़ी घणी पुराणी प्रीत
थारो म्हारो मावड़ी,
घणी पुराणी प्रीत,
केड आवां तो लागे है,
जैयां आग्या म्हे तो पीर,
थारो म्हारो मावड़ी,
घणी पुराणी प्रीत।
जठै जठै मैं चालूँ मावड़ी,
थे तो फूल बिछाओ हो,
जी कानी मैं देखूँ मावड़ी,
नजर मन्ने थे ही आओ,
मिलतो रवे दादी म्हाने,
इक थारो प्यार दुलार,
थारो म्हारो मावड़ी,
घणी पुराणी प्रीत।
सासरिये में चिंता मावड़ी,
केड में आराम है,
पिहरिये के लाड में दादी,
बीते चारों याम हैं,
म्हारे सासरिये में सगला,
सब जावण केड तैयार,
थारो म्हारो मावड़ी,
घणी पुराणी प्रीत।
थारी कृपा से ही मधु को,
हरयो भरयो परिवार है,
थारो जवाईं भी म्हारी दादी,
करे थारी मनुहार है,
थारा टाबरिया भी दादी,
बस करै थाने ही याद,
थारो म्हारो मावड़ी,
घणी पुराणी प्रीत।
विदा होने की जब घड़ी आवे,
हिवड़ो भर भर जावे है,
आंख्या का पानी मोती बन,
चरणां में चढ़ जावे है,
मन्ने हिवड़े लगाकर दादी,
बोली आती रहिज्ये पीर,
थारो म्हारो मावड़ी,
घणी पुराणी प्रीत।
KED SATI DADI BHAJAN||पिहरिये भजन, थारो म्हारो मावड़ी घणी पुरानी प्रीत ||श्री केडसती दादी भजन||
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KED SATI DADI BHAJAN||पिहरिये भजन, थारो म्हारो मावड़ी घणी पुरानी प्रीत ||श्री केडसती दादी भजन||
Song: tharo mharo mawadi ghani purani preet, ked aanwa toh laage jaiyaan aagya mai toh peer.
Singer: Priyanka Gupta
Lyricist: Madhu Kedia
Category: Heart-touching dadi bhajan
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