तुम मेरी राखो लाज हरि
तुम मेरी राखो लाज हरि,
तुम मेरी राखो लाज हरि।
तुम जानत सब अंतर्यामी,
तुम जानत सब अंतर्यामी,
करनी कुछ ना करी,
तुम मेरी राखो लाज हरि,
तुम मेरी राखो लाज हरि।
अवगुन मोसे विचरत नहीं,
पल छिन घड़ी घड़ी,
अवगुन मोसे विचरत नहीं,
पल छिन घड़ी घड़ी,
अब प्रपंच की ओट बाँधके,
अब प्रपंच की ओट बाँधके,
अपने प्रीत घड़ी,
तुम मेरी राखो लाज हरि,
तुम मेरी राखो लाज हरि।
दारा सुत धन मोह लिए है,
सुध बुध सब बिसरी,
दारा सुत धन मोह लिए है,
सुध बुध सब बिसरी,
सुर पतित को वैद उबारो,
अब मेरी नाव उबारी,
अब मेरी नाव उबारी,
तुम मेरी राखो लाज हरि,
तुम मेरी राखो लाज हरि।
तुम जानत सब अंतर्यामी,
तुम जानत सब अंतर्यामी,
करनी कुछ ना करी,
तुम मेरी राखो लाज हरि,
तुम मेरी राखो लाज हरि।
Tum Meri Rakho Laj Hari | तुम मेरी राखो लाज हरी | Anup Jalota Devotional Song | Ram Latest Bhajan
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Song name : Tum Meri Rakho Laj Hari
Singers : Anup Jalota
Lyrics : Traditional
Music Composer : Anup Jalota
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